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________________ वीर सेवा मन्दिरका मासिक अनेकान्त (पत्र प्रवर्तक : प्राचार्य जुगल किशोर मुख्तार 'युगवीर') वर्ष ४३ : कि०२ अप्रैल-जून १९६० a इस अंक में विषय १. अनेकान्त-महिमा २. क्या नवग्रह पूजा शास्त्र-सम्मत है ? -उदयचन्द जैन एम. ए., वाराणसी ३. महान सम्राट अशोक का संवत्सर-श्री अभ. प्रकाश जैन ५ ४. शुभाशुभ और शुद्ध भाव-श्री नरेन्द्रकुमार शास्त्री ८ ५. त्रिशष्ठि शलाका पुरुष-राम, लक्ष्मण, रावण -कु० विभा जैन ६. भूले-बिसरे जैन भक्त कवि-डा० गंगाराम गर्ग ७. दशलक्षण पर्व : क्या यह शास्त्र सम्मत है ? -डॉ० कपूरचन्द जैन खतौली ८. पर्युषण और दशलक्षण धर्म-श्री पपचन्द्र शास्त्री १७ ९. संस्कृत के पूर्व मध्यकालीन जैनकवि जटासिंहनन्दि: परिचय एवं कालनिर्णय-डॉ. कमलकुमारी, आरा २१ | १०. नये प्रकाशन पर साधुवाद-श्री मुन्नालाल जैन प्रभाकर २४ ११. मुन्नालाल की शंकाओं का समाधान-श्री बाबूलाल जैन २८ १२. ग्राम पगारा को जैन प्रतिमाएं-श्री नरेशकुमार पाठक ३० १३. जरा सोचिए-संपादक १४. कहीं जैन इब न जाय-सम्पादक आवरण १५. आगमों से चुने : शान-कणभी शान्तिलाल जैन आवरण ३ مس प्रकाशक: पीर सेवा मन्दिर, २१ दरियागंज, नई दिल्ली-२
SR No.538043
Book TitleAnekant 1990 Book 43 Ank 01 to 04
Original Sutra AuthorN/A
AuthorPadmachandra Shastri
PublisherVeer Seva Mandir Trust
Publication Year1990
Total Pages144
LanguageHindi
ClassificationMagazine, India_Anekant, & India
File Size8 MB
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