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________________ ८, ३८, कि.२ अनेकान्त अप विनय दोहा देव कुदेव सुगुरु कुगुरु गर्न समान जो कोई। नमै भक्ति सो सबनिको, विनय मिथ्यान्वी सोई ॥३४॥ अथ सशय जो नाना विकलप गहै, रहै हिये हैरान । थिर के तत्व न श्रद्ध है, सो जिय सशय पान |॥३५॥ अथ अज्ञान : चौपाई निजको सुख दुख जाने है चेत, परपीडा जो करइ सुचेत । अपने स्वारथ पहिं सताव, सो अज्ञान मिथ्यारा कहावै ॥३६॥ अथ सादिमिथ्यात्व मिथ्यात्व सकल जो उपशम कर, ____ अथ भेद बुध पापहिं हरे । फर उदय मिथ्यात्वहि आवं, साहु सादि मिथ्यात्व कहावै ॥३७॥ अब अनादि मिथ्यात्व उपशम भाव न कबहुं भयो, अन्तकाल जीव भ्रमनि गयो । ममता मगन विकलप ह रहो, अनादि मिथ्यात्व यह सद्गुरु कहो ॥३८॥ अथ मिथ्यात्व करनी अरु मिथ्यात्व करनी दुखदाई, तजिए समकित हेतु जु भाई। . हाथी घोड़ो बैल जु गाय, पूजा इनकी है दुखदाय ॥३९॥ पूरब पाप कर जीव घोर; तब जीव मर के होय जु ढोर । जो नर पूजा इनकी कर, सो नर निश्चय दुर्गति पर ॥४०॥ बड़, पीपल, ऊमर आवरी, तुलसी दूब निगोदह भरी । इनकी सेवा जो नर करे, सो नर निश्चय दुर्गति परै ॥४१॥ व्यतर भूत सती शीतला, सूरज दिया (दीपक) चन्द्र की कला । यक्ष नाग ग्रह देवी जाने, नदी होय जे आयुध माने ॥४२॥ गोबर थापि जु पूजा थान, गाय मूत्र ले मुख मे आने । बवें (बोना) भुजरिया मोटें भूठ, करे श्राद्ध जानि जन रूठ ॥४३॥ ५ पुनि अवर सुनो तुम राजा, तजिए समकिन हेतु के राजा । मिथ्या मारग छोई रहो, सो समकित जीव निश्च लहौ ॥४॥ अथ सम्यक्त्व महिमा थावर विकल त्रय कहै, निगोद असैनी जानि । म्लेच्छखंड जे जिन भण, कुभोगभूमि मन आनि ॥४५॥ षट् अघ भूमि जु नरक की, खोटी मानुष जाति । तीन वेद होइ वेद पुनि, ए जानो दुख पाति ॥४६॥ चौपाई जब समकित उपजे सुनि भूप, ए सब पदवी धरै न रूप । यह मब महिमा समकित जानि, होई जीव को सब सुख खानि ॥४७॥ नर गति में नर ईश्वर होय, देवनि मे पति जानो सोय । इह विधि भव जीव पूरण कर, पुनि सो मुक्ति रमणी को बरै ॥४८॥ नभ में जैसे भानु है ईस, रत्ननि मे चितामणि दीस । कल्प वृक्ष वृक्षनि में हार, देव जिनेन्द्र देबनि में सार ॥४६॥ सकल नगनि (पर्वत) में मेरु है जैसे, सब धर्मनि में समकित तैसे । यही जानि जीव समकित धरी, भव सागर दुख जाते तरी ॥५०॥ (शेष पृ०१६ पर)
SR No.538038
Book TitleAnekant 1985 Book 38 Ank 01 to 04
Original Sutra AuthorN/A
AuthorPadmachandra Shastri
PublisherVeer Seva Mandir Trust
Publication Year1985
Total Pages138
LanguageHindi
ClassificationMagazine, India_Anekant, & India
File Size7 MB
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