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वर्ष ३८ : कि० २
बीर सेवा मन्दिर का त्रैमासिक
अनेकान्त
(पत्र-प्रवर्तक : प्राचार्य जुगल किशोर मुख्तार 'युगवीर)
इस अंक में-
विषय
पृ०
१. जिनवाणी स्तुति
१
२. मुच्छा परिन्हो बुत्तो : डा० ज्योति प्रसाद जैन २
३. ५० शिरोमणिदास कृत धर्मसार सतसई
क्रम
---श्री कुन्दनलाल जैन प्रिंसिपल
४. भ० महावीर जन्म स्थान विषयक विवाद डा० ज्योति प्रसाद जैन
५. पूर्व मध्यकालीन भारत में नैतिक धर्म का पतन -प्रदीप श्रीवास्तव
१२
६. ग्राम पगारा की जैन प्रतिमाएँ
-नरेशकुमार पाठक
७. शान्तिनाथ पुराण में प्रतिबिम्बित कथानक रूढ़ियां कु० मृदुला
८. धर्म ध्यान का स्वरूप एवं भेद
-- पं० नरेन्द्र कुमार जैन, सोरया
१. कुवेरप्रिय सेठ की कथा
१०. जैन होने में बाधक : मूर्च्छा-भाव-परिग्रह
- पद्मचन्द्र शास्त्री, नई दिल्ली
११. जरा सोचिए -सम्पादक
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अप्रैल-जून १८४
प्रकाशक
वीर सेवा मन्दिर, २१ दरियागंज, नई दिल्ली-२