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त्रैमासिक शोध-पत्रिका
अनकान्त
वर्ष ३३: किरण ३
जलाई-सितम्बर १९८०
विषयानुक्रमणिका सम्पावन-मण्डल डा.ज्योतिप्रसाद जैन
विषय डा०प्रेमसागर जैन
१. जिनवाणी श्री पन चन्द्र शास्त्री
२. वैदिक बौद्ध तथा जैन वाङ्मय में सत्य का स्वरूप । श्री गोकुलप्रसाद जैन
--श्री राजीव प्रचंडिया, अलीगढ़ ३. अपदेससत्तमझ ___-श्री पद्यचन्द्र शास्त्री, नई दिल्ली ४. ज्ञानानद श्रायकाचार : एक परिचय ___ --५० बशीघर शास्त्री, जयपुर ५ जैन तीर्थंकरों का जन्म क्षत्रिय कुल मे ही क्यों?
-श्री गणेश प्रसाद जैन, वाराणसी सम्पादक श्री गोकूलप्रसाद जैन । ६. रामगुप्त और जैनधर्म शीर्षक लेख पर कुछ एम.ए., एल-एल. बी. विचार-श्री वेदप्रकाश गर्ग साहित्यरत्न ७. महात्मा प्रानन्दघन: काध्य समीक्षा
--डा. प्रेमसागर जैन, बड़ोत ८. महाकवि हरिचन्द्र का समय और प्राचार्य बलदेव
उपाध्याय का मत-श्री अशोक पाराशर, जयपुर २० ९. जैन संस्कृति का प्राचीन-केन्द्र काम्पित्य
-विद्यावारिधि डा. ज्योतिप्रसाद जैन, लखनऊ २२
१०. पाटण के श्वेताम्बर ज्ञान भण्डारों में दिगम्बर वार्षिक मूल्य ६) रूपये
ग्रन्थों की प्राचीनतम ताडपत्रीय प्रतियां इस अंक का मूल्या
-श्री अगरचन्द नाहटा, वीकानेर रुपया ५० पैसे ।११.वैदिक और जैनधर्म : एक तुलनात्मक अध्ययन
-पं० के० मुजवली शास्त्री १२. महान विद्वान् हपंकीति को परम्परा
-श्री अमरचन्द नाहटा, बीकानेर
प्रकाशक
वीर सेवा मन्दिर, २१ दरियागंज, नई दिल्ली-२