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महावीर का निर्वाण हुमा था, वह यथार्थतः उत्तर प्रदेश महावीर की जीवन पटनागों को प्रतिष्यमित करने वाली के देवरिया जिले में व कुशीनगर के समीप वाला 'पावा' है। एक धर्मशाला भी निर्माण कराई जा रही है। भारत नामक ग्राम है, जो प्राजकल सठियांव (फाजिलनगर) वर्षीय दि. जैन २५००वां निर्माण समिति, दिल्ली ने भूमि कहलाता है, और जहां बहुत से प्राचीन खण्डर व भग्नाव. खरीदने के लिये १५००० रुपये तथा श्रावक शिरोमणि शेष पाये जाते हैं । अतएव ऐतिहासिक दृष्टि से इस स्थान दानवीर साहू शान्तिप्रसाद जी ने पांच हजार नगद को स्वीकार कर उसे भगवान महावीर को निर्वाण भूमि और एक वैगन सीमेंट द्वारा सहायता की है। अन्य भक्तो योग्य तीर्थ बनाना चाहिये।
___ की प्रोर से मित्य कार्य प्रगति पर है। वर्तमान में वहां एक 'श्री पावानगर निर्वाण क्षेत्र २५०० सौवीं तीर्थंकर महावीर के निर्वाणोत्सव पर समिति' कार्य कर रही है। जिसके राय देवेन्द्रप्रसाद जैन, वहाँ महाविद्यालय (डिग्री कालेज) भी स्थापित हो चुका अध्यक्ष (नन्दभवन, गोरखपुर, २७३००१) और प्राचार्य है। सरकार और विश्व विद्यालय-मान्यता उसे प्राप्त हो श्री अनन्त प्रसाद जैन, मंत्री (जन मन्दिर गली, अलीनगर, चुकी है। हम सब का कर्तव्य है कि इस दीपावली पर गोरखपुर २७३००१) हैं । आप लोगो के सत् प्रयत्न से तीर्थकर महावीर के २५०७वं निर्वाण पर हम फाजिलनगर वहां भारी कार्य हुआ है और बराबर हो रहा है । इन जाने का निर्णय करें और वहां यात्रा कर पुण्य उपार्जन दोनों महानभावों के परिश्रम का प्रतिफल है कि उस करें तथा यह भी देखें कि यथार्थ क्या है ? दीपावली के निर्वाण भूमि पर ती महावीर के एक विशाल मन्दिर का अतिरिक्त भी वहा की यात्रा की जा सकती है। निर्माण हो रहा है, जिसका नाप ७२ फुट X ३० फुट है,
पूर्वोत्तर (ई. एन.) रेलवे के गोरखपुर अथवा देवरिया और जिसमें १२ फुट का गर्भ गृह की वेदी में ती० महावीर स्टेशन पर उतरें, वहां से बस-टैक्सी मादि सवारी से की प्रतिमा स्थापित होगी।
पावानगर (वर्तमान फाजिलनगर) पहुचे। गोरखपुर से ७२ वर्ष की आयु मे ती. तहावीर का निर्वाण हा ४४ पौर देवरिया से ३५ मील दूर है, और पक्की सडक पा, ३० वर्ष की प्रायु मे प्रवज्या ली थी, और १२ वर्ष पर है। धर्मशाला मे ठहर कर वहां का भज निरीक्षण उनका तपस्या काल था। मन्दिर की नाप तीर्थकर सुविधापूर्वक किया जा सकता है।
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मनेकान्त'के स्वामित्व सम्बन्धी विवरण
प्रकाशन स्थान-बीर सेवा मन्दिर, २१ दरियागंज, नई दिल्ली । मुबक-प्रकाशक वीर सेवा मन्दिर के निमित्त प्राकशन अवधि-मासिक श्री प्रोमप्रकाश जैन, पता-२३, दरियागंज दिल्ली-२
लेखक अपने विचारों के लिए स्वतन्त्र होता है। राष्ट्रीयता - भारतीय सम्पादक--गोकुलप्रसाद जैन
| यह मावश्यक नहीं कि सम्पादन-मण्डल के सभी राष्ट्रीयता-भारतीय पता-वीरसेवामन्दिर २१, | विचारों से सहमत हो।
दरियागंज, नई दिल्ली-२ | स्वामित्व-बीर सेवा मन्दिर, २१ दरियागंज, नई दिल्ली-२
मैं भोमप्रकाश जैन, एतद्द्वारा घोषित करता हूं कि | मेरी पूर्ण जानकारी एवं विश्वास के अनुसार उपयुक्त विवरण सत्य है।
-मोमप्रकाशन, प्रकाशक