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________________ विषयानुक्रमणिका विषय विषय प्रथम खण्ड २४. बाहुबनि परिव विकास एवं तद्विषयक वाङ्मय भवणबेलगोल: बाइबलो -डा. राजाराम जन १. गोम्मटेस-दि-श्री नेमिचन्द सिद्धान्त-चक्रवर्ती १ २५. महाकवि पुष्पदंत का बाहुबली पाख्यान २. गोम्मटेश्वर बाहुबली का सहस्राब्दि -डा. देवेन्द्र कुमार जैन महामस्तकाभिषेक-श्री गणेशप्रसाद जैन २ २६. गोम्मटेश्वर बाहबली स्वामी और उनसे ३. प्रतिमा की पृष्ठभूमि-श्री लक्ष्मीचन्द 'सरोज' ५ संशति मारिता ४. बाहुबली बोले-श्री लक्ष्मीचन्द 'सरोज' २७. बाहुबली : पुष्पदंत सृजन के माइने में ५. जे कम्मे सूरा ते धम्मे सूरा -डा. देवेन्द्र कुमार जैन -श्री डा० मादित्य प्रचंख्यिा ६ २८. बाहुबली की कहानी : उनकी ही जुबानी ६. श्रवणबेलगोल के शिलालेख -डा. शिवकुमार नामदेव -श्री सतीश कुमार जैन २६. गोम्मटमूर्ति की कुण्डली-श्री गोविन्द पर ११५ ७. श्रवणबेलगोल-स्तवन ३०.अंतिम धुतकेवली महान् प्रभावक प्राचार्य -श्री कल्याण कुमार 'शशि' भद्रबाहु-श्री सतीशकुमार जैन ८. करुणामूर्ति बाहुबली-उपाध्याय श्रीममर मुनि १८ ३१. हिन्दी कवि उदयशंकर भट्ट की काव्य-सृष्टि में ६. बाहुबली और महामस्तकाभिषेक बाहुबलि- श्री राजमल जैन -डा. महेन्द्र सागर प्रचरिया ३२. श्री पुण्यकुशल गणि और उनका 'भरत १०. उत्तर भारत में गोम्मटेश्वर बाहुबली 'बाहुबलि-महाकाव्यम्'-महामहोपाध्याय -डा. मारुतिनदन प्रसाद तिवारी २२ ड. हरीन्द्र भूषण जैन ११. दिव्यचरित्र बाहुबली -श्री रतनलाल कटारिया २५ द्वितीय खण्ड १२. भ. बाहुबली के शस्य नही थी जैन शोष और समीक्षा -माता श्री ज्ञानमती जी ३३ जैन परंपरा मे संत मोर उनकी साधना-पद्धति १३. बाहुबली स्तवन-श्री भगवत'जन -डा. देवेन कुमार शास्त्री १४. नकाशो : मूडबिद्रो-श्री गोकुलप्रमाद जैन ३५ ३४. षटद्रव्य मे कालद्रव्य १५. बाहबलि की प्रतिमा गोम्मटेश्वर क्यो कही -मनि श्री विजयमनि शास्त्री जाती है?-डा. प्रेमचद जैन ३६ ३५. विष्णुसहस्रनाम पोर जिनसहस्रनाम १६. मैं रहं पाप मे पाप लीन-बी पनचंद शास्त्री ४१ -श्री लक्ष्मीचद 'सरोज' १७. श्री गोम्मटेश संस्तव-श्री नाथराम डोगरीय ४४ ३६ तीर्थंकर महावोर को निर्वाण भूमि 'पावा' १८. भगवान गोम्मटेश्वर की प्रतिमा का माप -श्री गणेश प्रसाद जैन -श्री कुन्दनलाल जैन ३७. नागछत्र परंपरा मोर पार्श्वनाथ १९. बाहुबली स्वतंत्र चेतना का हस्ताक्षर -डा. भगवतीलाल पुरोहित -प्राचार्य महाप्रज ४८ ३८. पनागत चौबीसी : दो दुर्लभ कलाकृतिया २०. बाहुबली और दक्षिण को जैन परपरा -श्री कुग्दनलाल जैन -टी० एन० रामचन्द्रन् ५. ३६. कुन्दकुन्द की कृतियों का संरचनात्मक अध्ययन २१. जपागद जय गुल्लिकायजिन-धीकम्पनलाल जैन ५४ -डा.बी. भट्ट २२. बाहुबली मूर्तियों की परपरा-श्री लक्ष्मीचद जैन ५७ ४. साहित्य-समीक्षा २३. इन्द्रगिरि के गोम्मटेश्वर-श्री रामकृष्ण जैन १० 000
SR No.538033
Book TitleAnekant 1980 Book 33 Ank 01 to 04
Original Sutra AuthorN/A
AuthorGokulprasad Jain
PublisherVeer Seva Mandir Trust
Publication Year1980
Total Pages258
LanguageHindi
ClassificationMagazine, India_Anekant, & India
File Size14 MB
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