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________________ त्रैमासिक शोध पत्रिका अनकान्त वर्ष ३० : किरण २ अप्रेल-जून १९७७ विषयानुक्रमणिका सम्पादन-मण्डल डा.ज्योतिप्रसाद जैन डा. प्रेमसागर जैन श्री गोकुलप्रसाद जैन ३४ सम्पादक श्री गोकुलप्रसाद जैन एम.ए., एल-एल.बी., साहित्यरत्न विषय १. पंच परमेष्ठियों का स्वरूप २. शुभ राग की हेयोपादेयता--विद्यावारिधि डा. ज्योतिप्रसाद जैन, लखनऊ ३. माधुनिक हिन्दी जैन महाकाव्यों में छन्द-योजना --कु० इन्दु राय, एम. ए., लखनऊ ४. सारस्वत व्याकरण के टीकाकार मोर मफर उल-मलिक पुंजराज श्रीमाल-श्री कुन्दन लाल जैन, प्रिन्सिपल, दिल्ली ५. महावीर ने कहा था-श्री रमाकान्त जैन, बी. ए., सा. र., त. को., लखनऊ ६. अनादि मूलमंत्रोऽयम्-श्री पप्रचन्द्र शास्त्री, एम. ए., दिल्ली ७. रयणसार के रचयिता कौन ?-श्री बंशीधर शास्त्री, एम. ए., सवाई माधोपुर ८. अग्रवाल जैन जाति के इतिहास की पावश्यकता -श्री अगरचन्द नाहटा, बीकानेर ६. 'व्रात्य' : जैन संस्कृति का पूर्वपुरुष - डा. हरीन्द्र भूषण जैन, उज्जैन १०. श्री पन्नालाल जैन अग्रवाल, दिल्ली -श्री जैनेन्द्र कुमार भा.पृ. २ वार्षिक मूल्य ६) रुपया एक किरण का मूल्य: १ रुपया ५० पैसा प्रकाशक वीर सेवा मन्दिर, २१ दरियागंज, नई दिल्ली-२
SR No.538030
Book TitleAnekant 1977 Book 30 Ank 01 to 04
Original Sutra AuthorN/A
AuthorGokulprasad Jain
PublisherVeer Seva Mandir Trust
Publication Year1977
Total Pages189
LanguageHindi
ClassificationMagazine, India_Anekant, & India
File Size10 MB
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