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चित्र परिचय
वीर सेवा मन्दिर
'वीर सेवा मन्दिर सोसाइटी' का वार्षिक अधिवेशन प्रावरण मुखपृष्ठ : प्रथम जैन तीर्थकर सम्राट ऋषभदेव के द्वितीय पुत्र
२६ सितम्बर, १९७५ को हुआ। नियमावली की धारा
६(१) के अन्तर्गत कार्यकारिणी समिति के एक तिहाई तथा सम्राट भरत चक्रवर्ती के भ्राता, महाप्रतापी, दृढ़।
सदस्यों को अवकाश प्राप्त करना था। अत: लाटरी के तपस्वी एवं महायोगी महासत्व श्री बाहुबलि गोम्मटेश की मनोज्ञ ४५ फुट ऊंची मूर्ति। यह मूर्ति सेठ छदामी लाल
प्राधार पर सर्व श्री साहू शान्तिप्रसाद जैन, श्यामलान जैन जैन ट्रस्ट, जैन नगर, फिरोजाबाद द्वारा मंगलापाड़, कार
ठेकेदार, बाबू लाल जैन (श्रीमती) जयवन्ती देवी जैन, महेन्द्र कल (कर्नाटक) में, राष्ट्रपति द्वारा १९६६ में पुरस्कृत
सेन जैनी, शीलचन्द जैन तथा लक्ष्मीचन्द जैन ने अवकाश प्रसिद्ध शिल्पी श्री रेन्जाल गोपाल शेण से उत्कीर्ण कराई
प्राप्त किया। गई है।
अधिवेशन मे इन सातों सदस्यों की सर्व सम्मति से पुनः
कार्यकारिणी समिति का सदस्य निर्वाचित किया गया। मति विवरण : प्रखण्ड शिला की लम्बाई ४५ फुट
तत्पश्चात् १ अक्तूबर १९७५ को नवनिर्मित कार्यतथा चौड़ाई १२ फुट । मूर्ति की लम्बाई (मापाद-मस्तक)
मापाद-मस्तक) कारिणी समिति की बैठक में निम्नलिखित पदाधिकारी ३५३ फुट । मूर्ति का भार १८० टन । शिल्पकार्य :
भी सर्वसम्मति से पुन: निर्वाचित किए गए :प्रारम्भ १२-६-१९७३; पूर्ण २०-२-१९७५ ।
श्री साह शान्तिप्रसाद जैन... अध्यक्ष इस मूर्ति की प्रतिष्ठा जैन गगर, फिरोजाबाद मे
श्री श्यामलाल जैन ठेकेदार'......उपाध्यक्ष फरवरी १६७६ में होने की सम्भावना है। उपाध्याय
श्री महेन्द्र मेन जैनी .........." महासचिव मुनि श्री विद्यानन्द जी ने सेठ छदामी लाल जी को इस
-सचिव महत्कार्य के लिए 'माधुनिक चामुण्डराय' की उपाधि से |
'अनेकान्त' के सम्बन्ध में तथ्य सम्बन्धी घोषणा विभूषित किया है। इस सम्पूर्ण कार्य में श्री रत्नत्रय धारी
प्रकाशन-स्थान - वीर सेवा मन्दिर, जैन एवं श्री विमल कुमार जैन दोनो ट्रस्टियों का विशेष.
२१, दरियागज, दिल्ली-६ तया अनुपम योगदान रहा है।
प्रकाशन प्रवधि- मासिक प्रावरण चतुर्थ पृष्ठः
मद्रक-प्रकाशक - वीर सेवा मन्दिर के मिमित्त श्री महावीर जिन मन्दिर, जैन नगर, फिरोजाबाद
श्री प्रोमप्रकाश जैन (श्री छदागी लाल जैन ट्रस्ट द्वारा निर्मित)। मकराना
राष्ट्रिकता - भारतीय धवल पाषाण (संगमरमर) निर्मित इस भव्य मन्दिर
पता -- २३, दरियागंज, दिल्ली-६ की स्थापना तथा भगवान महावीर की मूर्ति की प्रतिष्ठा
सम्पादक -श्री गोकुल प्रसाद जैन (पंच कल्याणक) सन् १९६१ में हुई थी। ट्रस्ट के
राष्ट्रिकता -भारतीय
-३, रामनगर, नई दिल्ली-५५ पादर्श संकल्पानुसार मन्दिर में केवल एक ही मूर्ति
स्वामित्व -वीर सेवा मन्दिर, भगवान महावीर की लगभग १० फुट ऊंची पद्मासन
२१, दरियागज, दिल्ली-६ मूर्ति-विराजमान है। मन्दिर चारों भोर से उदासीन
मैं, मोमप्रकाश जैन, एतद्वारा घोषित करता हूं कि पाश्रम, कान्जी पुस्तकालय, मतिथि-गृह, प्रवचन भवन,
मेरी पूर्ण जानकारी एवं विश्वास के अनुसार उपर्युक्त सग्रहालय एवं सुन्दर सरोवर से परिवृत्त है।
विवरण सत्य है। इसी मन्दिर के पीछे भौर संग्रहालय के सामने भग
मोमप्रकाशन वान श्री बाहुबलि की उक्त सुविशाल खड्गासन मूर्ति की
प्रकाशक पापना की जाएगी।
पता