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________________ १६६, वर्ष २८, कि०१ अनेकान्त वर्ष १३ पक्ष केवलज्ञान प्राप्ति में और तेरह पा कम २१. मिथिला, काकन्दी, पोलासपुर, वाणिज्यग्राम, वैशाली तीस वर्ष धर्म प्रचार में बिताये। इसके अनुसार महा- (वर्षावास), वीर ने ४२ वर्ष निम्न स्थलों में बिताये । २२. राजगृह, (वर्षावास), १.कुण्डग्राम, कर्मारग्राम, मोराक सन्निवेश, ज्ञात वण्ड. २३. कृतंगला, श्रावस्ती, बाणिज्यग्राम (वर्षावास), वन, कोल्लाग-सन्निवेश, दूइज्जंतग, अस्थिकग्राम २४. ब्राह्मणकुण्ड, कौशाम्बी, राजगृह (वर्षावास), (वर्षावास). २५. चम्पा (वर्षावास), २. मोराक, दक्षिग-उतर वाचाल, सरमिपुर, श्वेताम्बी, २६. काकन्दी, मिथिला (वर्षावास), राजगृह, नालन्दा (वर्षावास), २७. श्रावस्ती, मिथिला (वर्षावास), ३. कोल्लाग, ब्राह्मणग्राम, सुवर्णखल, चम्पा (वर्षावास), २८, हस्तिनापुर, मोकानगरी वाणिज्यग्राम (यर्षावास), ४. कालाप, कुमाराक, पत्त, चोलाक, पृष्ठ चम्पा २६. राजगृह (बर्षावास), (वर्षावास), ३०. चम्पा, दशार्णपुर, वाणिज्यग्राम (वर्षावास), ५. कयंगला, पावत्ता, कलंकबुका, पूर्णकलश, श्रावस्ती, ३१. काम्पिल्यपुर, वैशाली (वर्षावास), नंगला, राडदेश, मलय, भहिल (वर्षावास), ३२. वैशाली (वर्षावास), ६. कमली, तंवाय, वैशाली, जम्बुसंड, कुपिय, प्रामाक, ३३. राजगृह, चम्पा, राजगृह (वर्षावास), भदिया (वर्षावास), ३४. राजगृह, नालन्दा (वर्षावास), ७. मगध, प्रालंभिया, (वर्षावास), ३५. वाणिज्यग्राम, वैशाली (वर्षावास), ८. कुण्डाक, बहुसालग, लोहार्गला, गोभूमि, मर्दन, ३६. साकेत, वैशाली (वर्षावास), पुरिमताल, उन्नाग, राजगृह (वर्षावास), ३७. राजगृह (वर्षावास), ९. लाढ-वजभूमि भोर सुम्हभूमि, ३८. नालन्दा (वर्षावास), १०. सिद्धार्थपुर, कूर्मग्रा, वैशाली, वाणिज्यग्राम, श्रावस्ती ३६. मिथिला (वर्षावास), (वर्षावास), ४०. मिथिला (वर्षावास), ११. सानुलट्टिय, मोसलि, सिद्धार्थपुर पालंया, श्रावस्ती, ४१. राजगृह (वर्षावास) और वाराणसी, मिथिला, मलय, कौशाम्बी, राजगह, ४२. अपापापुरी (वर्षावास) यहीं निर्वाण प्रा। वैशाली (वर्षावास), महात्मा बुद्ध के वर्षावास और विहार-स्थल : ११. संसमारपूर, नन्दिग्राम, कौशाम्बी, मेढियग्राम, महात्मा बुद्ध २६ वर्ष की अवस्था में संन्यासी हुए सुमंगल, एम्पा (वर्षाबास), पौर लगभग ६ वर्ष के बाद बोधि प्राप्त की और ८० वर्ष अभियग्राम, में ढिय, पावा, राजगृह (वर्षावास), की अवस्था में उनका परिनिर्वाण हया। इस बीच उनके १४. ब्राह्मणकूण्ड, क्षत्रियकुण्डग्राम, वैशाली (वर्षावास), वर्षावास और विहार-स्थल निम्न प्रकार से रहे ५. कौशाम्बी, श्रावस्ती, वाणिज्य ग्राम (वर्षावास), १. वाराणसी, ऋषिपतन (वर्षावास), १६. राजगृह, (वर्षावास), २. गया, राजगृह (वर्षावास), १७. चम्पा, वीतभय, वाणिज्यग्राम (वर्षावास), ३. राजगृह (वर्षावास), १८. वाराणसी, पालंभिया, राजगृह (वर्षावास) ४. कपिलवस्तु, राजगृह (वर्षावास), १६. राजगृह (वर्षावास), ५. वैशाली, श्रावस्ती, कपिलवस्तु, वैशाली (वर्षावास), २०. कौशाम्बी, पालभिया, वैशाली (वर्षावास), ६. राजगृह, मंकुलपर्वत (वर्षावास), १२. ठाणांगसत्र, ठाणा, उद्देश्य ३, सूत्र ६६३ की वृत्ति, पृ. ५६१/१ धवला में महावीर का केवलिकाल २९ वर्ष ५ माह २०दिन लिखा है।
SR No.538028
Book TitleAnekant 1975 Book 28 Ank Visheshank
Original Sutra AuthorN/A
AuthorGokulprasad Jain
PublisherVeer Seva Mandir Trust
Publication Year1975
Total Pages268
LanguageHindi
ClassificationMagazine, India_Anekant, & India
File Size15 MB
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