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________________ ४, वर्ष २७, कि०१ अनेकान्त सुतीय अध्याय तृतीय अध्याय लघु तत्वार्थ सूत्र अधोलोक, मध्यलोक द्वीप, अधोलोक, मध्यलोक, द्वीप दृष्ट' चराचरं येन केवलज्ञानचक्षुषा' । समद्रादि तथा कर्म भूमि समुद्रादि, सठशलाका, पुरुष तं प्रणम्य' महावीरं वेदिकान्त प्रचक्षते ।। का वर्णन । आदि का वर्णन। ___ 'अथातोर्हत प्रवचन सूत्र व्याख्यास्यामः । स्तद्यतो तत्र चतुर्थ अध्याय चतुर्थ अध्याय इमे पट जीवनिकाय । पच महाव्रतानि । त्रिणि गुणवदेवगति, स्थिति, उर्ध्व देवगति स्थिति, ५ प्रकार तानि चत्वारि शिक्षात्रतानि तिस्त्रो गुप्त."। पंच समिलोक प्रादि का वर्णन। शरीर, ५ इन्द्रिया, लेश्या नय"। दशधर्मानुभावना" षोडष भावना । द्वादशानुप्रेक्षा आदि का वर्णन । स्वर्गादि द्वाविशति परीपहा । इत्यहतप्रवचने"प्रथमोध्यायः । का वर्णन नही है)। तत्र नव पदार्थाः मप्ततत्वानि चतुर्विधन्यास' मप्तनया:" चत्वारि प्रमाणानि" षट् द्रव्याणि । पचास्ति काया । पंचम अध्याय पंचम अध्याय द्विविधो गुणः । पंच ज्ञानानि । चत्वारि दर्शनानि द्वादशांपुद्गल द्रव्य वर्णन। अाधव, बंध, सवर और निर्जरा का वर्णन (मोक्ष का गानि । चतुर्दश पूर्वाणि द्विवि"तप । द्वादस प्रायश्चिउल्लेख कर सिद्ध का वर्णन (ख) लघ पंच सूत्र । प्रारम्भ मे (ख) प्रति में ही किया है)। निम्न पाठ विशेष है- "ॐ नमः सिद्धम्य । अथ श्री छठा-सातवां अध्याय लघु सूत्र जी लिख्यते ॥ काल्य द्रव्य षटक .......... आस्रव तत्व वर्णन, भेद तवाण माराहणा भणिया ॐ नम. सिद्धेभ्य ।। प्रभेद तथा कारण, महा १ (ख) दृष्टश्चरंयेन । व्रतों का वर्णन। २ (क) भास्कर। पाठवां अध्याय ३ (ख) प्रणमामि महावीर । बंध तत्व, भेद, कारण, कर्म ४. (क) वेदकाति प्रचक्षते (ख) बेदिकाते प्रवक्षते । उदय तथा सत्ता प्रादि । ५. (ख) अथातोहत प्रवचनं सूत्रं व्याख्यास्यामि । (ख) नोवां अध्याय अर्हत् प्रवचने पानयामि । संवर भेद कारण, निर्जरा ६. (क) तय्यमथा तत्र मे षट् जीवनि काया। (ख) तत्र कारण भेद आदि का षट् जीवनिकाया। वर्णन। ७. (क) (ख) विशेष पाठ-पचाणुव्रतानि । बसवा अध्याय ८. (क) त्रण (ख) तीन । मोक्ष तत्व वर्णन। ६. (क) सख्या। प्रस्तुत 'लघु तत्वार्थ सूत्र' को पाठकों की जानकारी १०. (ख) गुप्तः । हेतु पूर्ण रूप से यहां दिया जा रहा है। मूल पाठ गोंधो के ११. (क) सुमतयः (ग्व) सुमितयः । मन्दिर की प्रति का है। मामेर शास्त्र भण्डार की 'लघ १२. (ख) दशविधो धर्मः ।। तत्वार्थ सूत्र (प्रर्हत् प्रवचन)' की प्रति का उल्लेख (क) १३. इति तत्वार्थ अर्हत् प्रवचने तथा चौधरियों के मंदिर की प्रति 'लघु पंच सूत्र' का १.४ (ख) द्विविधो सप्त नया च । उल्लेख (ख) संकेत से किया यया है। मूल पाठ के नीचे १५. (ख) चत्वारि प्रमाण । पाठ भेद भी दे दिया गया है। जिस पाठ का मूल प्रति में १६. विशेषपाठ (क) त्रीणि अज्ञानानि (ख) तीन ज्ञानानि उल्लेख नहीं हुआ हैं उसे D से दिया है। १७. (ख) द्वादशविध तपः ।
SR No.538027
Book TitleAnekant 1974 Book 27 Ank 01 to 02
Original Sutra AuthorN/A
AuthorA N Upadhye
PublisherVeer Seva Mandir Trust
Publication Year1974
Total Pages116
LanguageHindi
ClassificationMagazine, India_Anekant, & India
File Size6 MB
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