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विषय-सूची
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विषय
वीरसेवामन्दिर का अभिनव
प्रकाशन जैन लक्षणावली भाग दूसरा
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१. ऋषभ स्तोत्रम् २. कलकत्ते का कार्तिक महोत्सव
भंवरलाल नाहटा ३. अपभ्रंश सुलोचना चरित्र के कर्ता देवसेन --डा. ज्योति प्रसाद जैन लखनऊ
१५२ ४. कारी तलाई की अद्वितीय भगवान ऋषभनाथ
की प्रतिमायें-शिवकुमार नामदेव ५. धर्म और राज सरक्षण-तेजपाल सिह १५५ ६. णमोकार मत्र का प्रारम्भिक रूप क्या है ?
-श्री प्रताप चन्द्र जैन अागरा ७. कषायप्राभूत चूर्ण और त्रिलोक-प्रज्ञप्ति सम्बन्धी
महत्त्वपूर्ण और नई विचारणा-श्री अगरचन्द नाहटा
१५६ ८. जैनधर्म का नीतिवाद-डा० राजबली जी
पाण्डेय एम. ए., डी. लिट ६. सुकवि खेता और उनकी रचनायेंश्री अगरचन्द नाहटा
१६५ १०. जैन तत्त्व ज्ञान-प० सुखलाल जी संघवी १६५ ११. कविवर वादीभसिंह सूरि और उनकी बारह
भावनायें-प्रकाश चन्द्र जैन १२. राखी-श्री विष्णु प्रभाकर १३. चाणक्य के धर्म पर कथित शोध नई नही है
-रमाकान्त जैन बी. ए., साहित्यरत्न १४. अंजना-पवनंजय-भवरलाल सेठी १८७ १५. उत्थान-पतन-श्री ठाकुर
१९६ १६. अहिच्छत्र-श्री बलिभद्र जैन
१६६ १०. साहित्य-समीक्षा-बालचन्द्र सिद्धान्त शास्त्री २०७
चिर प्रतीक्षित जैन लक्षणावली (जैन पारिभाषिक शब्दकोष) का द्वितीय भाग भी छप चुका है। इसमें लगभग ४०० जैन ग्रन्थों से वर्णानक्रम के अनुसार लक्षणों का संकलन किया गया है । लक्षणों के संकलन में ग्रन्थकारों के कालक्रम को मुख्यता दी गई है। एक शब्द के अन्तर्गत जितने ग्रन्थों के लक्षण संगृहीत हैं उनमें से प्रायः एक प्राचीनतम ग्रन्थ के अनुसार प्रत्येक शब्द के अन्त में हिन्दी अनुवाद भी दे दिया गया है। जहाँ विवक्षित लक्षण में कुछ भेद या होनाधिकता दिखी है वहाँ उन ग्रन्थों के निर्देश के साथ २-४ ग्रन्थों के प्राश्रय से भी अनुवाद किया गया है। इस भाग में केवल 'क से ' तक लक्षणों का संकलन किया जा सका है। कुछ थोड़े ही समय में इसका दूसरा भाग भी प्रगट हो रहा है, वह लगभग तैयार हो चुका है। प्रस्तुत ग्रन्थ संशोधकों के लिए तो विशेष उपयोगी है ही, साथ ही हिन्दी अनुवाद के रहने से वह सर्वसाधारण के लिए भी उपयोगी है। द्वितीय भाग बड़े आकार में ४१८++२२ पृष्ठों का है। कागज पुष्ट व जिल्द कपड़े को मजबूत है। मूल्य २५-०० ० है । यह प्रत्येक यूनीवर्सिटी, सार्वजनिक पुस्तकालय एवं मन्दिरों मे संग्रहणीय है। ऐसे ग्रन्थ बार बार नहीं छप सकते। समाप्त हो जाने पर फिर मिलना अशक्य हो जाता है।
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प्राप्तिस्थान वीर सेवा मन्दिर, २१ दरियागंज.
दिल्ली-६
अनेकान्त का वार्षिक मूल्य ६) रुपया एक किरण का मूल्य १ रुपया २५ पैसा
अनेकान्त में प्रकाशित विचारों के लिए सम्पादन मण्डल उत्तरदायी नहीं है।
-व्यवस्थापक