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१२, वर्ष २६, कि..
प्रशाम्त प्रवर्तित शिष्य-परम्परा कई उपसगों मोर विपदामों के प्राचार्य श्री से सम्बन्धित सामग्री भेजना चाहें, मध्य भी साधु-परम्परा को प्रवाघ-मक्षुण्ण बनाये हुए है। मवश्य किन्तु अविलम्ब भेजें)।
प्रतः इस महान् परमपूज्य व्यक्तित्व को श्रद्धांजलि २. प्राचार्य श्री के जीवन-प्रसगों तथा चित्रों पर प्राधाअपित करने के निमित्त निम्नांकित कार्यक्रम मनाने का रित एक विशाल प्रदर्शनी का प्रायोजन होगा। निवेदन है :
प्रदर्शनी के तीन अनुभाव होंगे :१. जहाँ-जहां प्राचार्य श्री ने मंगल विहार किया है, (क) भाचार्य शान्तिसागर जी के चित्र (विविध
या वर्षावास सम्पन्न किया है, वहाँ उनकी पावन. स्थानो से, विविध मुद्रामों में)। पुनीत स्मृति में 'शान्ति-स्तम्भ' निमित किये जाएं।
(जो भी संस्थाए, व्यक्ति, पत्र-पत्रिकाएं प्राचार्य स्तम्भ की शिल्पाकृति (ब्ल्यू प्रिंट) भगले पखवाड़े
श्री के चित्र, उनकी कृतियां, विशेषांक समिति मलग से भेजी जाएगी।
को प्रेषित करेंगी-समिति उनका प्राभार २. भाषाढ़ कृष्ण ६, २२ जून, १९७३, गुरुवार प्राचार्य मानेगी और उन्हें प्रावश्यक डाक व्यय देगी)।
श्री का १००वां जन्म दिन होने के साथ ही तीर्थ- (ख) वर्तमान में जो मुनिगण है उनके चित्रों की ङ्कर वासुपूज्य को गर्भकल्याणक तपा तीर्थङ्कर
प्रदर्शनी (कृपया चित्रों के साथ मुनियों को बिमलनाथ की मोक्ष तिथि भी है अतः इस दिन एक
जन्म तिथि, दीक्षा तिथि तथा जन्म-स्थान विशाल प्रभातफेरी निकाली जाए, जो एक प्रार्थना
अवश्य भेजें )। सभा का रूप ग्रहण कर 'शान्ति-स्तम्म' स्थल पर
(ग) प्राचार्य श्री की कृतियों तथा हस्तलेखों की विसजित हो।
फोटोस्टेट प्रतियों का प्रदर्शन । ३. इस दिन सायंकाल 'शान्ति-सभाएं' की जाएं जिनमें प्राचार्य श्री के व्यक्तित्व और कृतित्व के विषय में
उक्त सदर्भ में समस्त महानुभावों से विनम्र निवेदन
है कि वे हमारे इस वृहत् प्रायोजन मे हमारी सहायता मधिकारी विद्वानों के व्याख्यान रखे जाएं।
करे और प्राचार्य श्री से सम्बन्धित सामग्री, बाबूलाल इन कार्यक्रमों को सारे देश में व्यापक रूप में उत्साह
पाटोदी, मन्त्री, श्री वीर निर्वाण ग्रन्थ प्रकाशन समिति, पूर्वक सम्पन्न किया जाए और तत्सम्बन्धी समाचारों को
४८, सीतलामाता बाजार, इन्दौर ४५२ ००२ के पते पर देश के सभी पत्रों में प्रचारित किया जाए। अपने-अपने
२० मई, १६७३ तक प्रवश्य भेजने की कृपा करें। प्रद. क्षेत्रों के प्राकाशवाणी केन्द्रों को भी सपारोह सम्पन्न
शंनीय सामग्री के साथ संकलनकर्ता, फोटोग्राफर तथा होने के सक्षिप्त सवाद भेजे जाएं।
प्रेषक के स्पष्ट नाममते दिये जाएं ताकि उसका यथोऊपरसुझाये गए कार्यक्रमों के अतिरिक्त श्री वीर चित अंकन प्रदर्शन किया जा सके। सामग्री सुरक्षित निर्वाण प्रन्थ प्रकाशन समिति, इन्दौर के तत्वावधान में लौटायी जा सकेगी। निम्नांकित विशेष प्रायोजन रखे गए हैं :
हमें विश्वास है, उपयुक्त प्रायोजन को सफल बनाने १. श्री वीर निर्वाण विचार सेवा, वर्ष २, अंक ३ के में हमें ससाज के लेखकों, पत्रकारों तथा प्रायोजकों का
मन्तर्गत पाचार्य श्री के व्यक्तित्व, योग और प्राचा. व्यापक हार्दिक सहयोग प्राप्त होगा, तथा सम्पूर्ण राष्ट्र यंव पर लेख वितरित किये जाएंगे, जिन्हें देश की में प्राचार्य श्री की जन्म शताब्दी अभिनव उमग, उल्लास पत्रपत्रिकाएं प्रकाशित करेंगी। (जो भी व्यक्ति मौर उत्साह के साथ मनायी जायेगी।