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________________ जैन विश्व भारती, लाडनूं (राजस्थान) शोध छात्रवृत्ति जैन विश्वभारती जैन विद्या के अध्ययन, अनुमधान एवं साधना का केन्द्र है। यह केन्द्र जैन विद्या के क्ष त्र में शोधरत विद्यायिो के प्रति वर्ष चार शोधवृत्ति प्रदान करेगा। नियम :-- (१) भारत के सभी विश्वविद्यालयों में जन विद्या पर पी. एच. डी अथवा उच्च अध्ययन हेतु कार्यरत शोधाथियों के लिए, विश्वविद्यालय के मान्य निर्देशक के अन्तगत कार्य करने वालों को यह छात्रवत्ति उपलब्ध हा सकेगी। यह राशि २०० रु० मासिक होगी। (२) जन विद्या के सम्पादित ग्रन्थ, पालोचनात्मक एवं उनके हिन्दी अथवा अंग्रेजी अनुवाद हेतु एक छात्रवृत्ति होगी। यह १५० म० प्रति माह होगी। (३) छावनि की अवधि दो वर्ष होगी। (अ) शोध छात्र को प्रत्येक छ माह के बाद जैन विश्वभारती में पाकर गति-प्रगति से अवगत कराना होगा। कार्य को गति मे मतुष्ट होने पर छ. माह की अवधि बढा दी जावेगी। (ब) प्रत्येक वर्ष की समाप्ति पर शोध छात्र को जैन विश्वभारती में ३ माह की सेवाये देना अनिवार्य होगी। शिक्षा एवं शोध कार्य सम्बन्धी सेवाय होंगी। इन तीन मास की अवधि में २५०) रु० को छात्रवृत्ति होगा। शोध छात्राएँ इम शन से मुक्त रहेगी। (४) छात्रवनि प्रति वर्ष जनवरी मास मे प्रारम्भ होगी। (५) आवेदन पत्र में छात्र, अपना नाम, शोध विषय, निर्देशक का नाम तथा विश्वविद्या लय के रजिस्ट्रेशन की प्रतिलिपि, विश्वविद्यालय की अन्तिम परीक्षा के अंकों की प्रतिलिपि भेजनी होगी। (६) आवेदन पत्र-१ दिसम्बर ७२ तक मंत्री जैन विश्वभारती के पास पहुँच जाना चाहिए। (७) इस बार छात्रवत्ति जनवरी ७३ से उपलब्ध होगी। पत्र व्यवहार का पता :डा० महावीर राज गोलड़ा, स्नातकोत्तरीय अध्यक्ष, डूंगर कालेज, बीकानेर (राज.) भवदीय : महावीर राज गोलडा (मानद) मत्रो, जैन विश्वभारती, लाडनं (राज.)
SR No.538025
Book TitleAnekant 1972 Book 25 Ank 01 to 06
Original Sutra AuthorN/A
AuthorA N Upadhye
PublisherVeer Seva Mandir Trust
Publication Year1972
Total Pages292
LanguageHindi
ClassificationMagazine, India_Anekant, & India
File Size16 MB
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