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विषय-सूची
अनेकान्त के ग्राहकों से विषय
। अनेकान्त के सभी ग्राहकों का मूल्य गत किरण ६ १. महंत-परमेष्ठी-स्तवन - पद्मनन्द्याचार्य ८६] के साथ समाप्त हो गया है। २५वे वर्ष की तीसरी २. मुक्तक काव्य (अध्यात्म दोहावली)
किरण भेजी जा रही है। अत: ग्राहकों से सानुगेष पांडे रूपचन्द
६० निवेदन है कि वे अनेकान्त के २५वें वर्ष के ६) रुपया ३. विक्रम विश्व विद्यालव उज्जैन के पुरातत्त्व
मनी प्रार्डर से भिजवा कर अनुगृहीत करे। जिन्होंने संग्रहालय की अप्रकाशित जन प्रतिमाएँ
प्रभी वार्षिक मूल्य के ६) रुपया नही भिजवाए है वे शीघ्र डा. सुरेन्द्रकुमार प्रार्य एम. ए. पी. च. डी. ६१
ही भिजवाने की कृपा करे । अन्यथा अगला प्रक ७-५० ४. कलचुरि काल में जैनधर्म -शिवकुमार नामदेव की बी. पी से भेजा जावेगा। शोधछात्र
व्यवस्थापक 'अनेकान्त' ५. माहड़ के जैन मन्दिर का अप्रकाशित शिला
वोर सेवामन्दिर, २१ दरियागंज लेख-रामवल्लभ सोमाणी
दिल्ली ६. पनागर के भग्नावशेष-कस्तूरचन्द एम. ए. ९८ ७. प्रज्ञात कवि हरिचन्द्र का काव्यत्व -
अखिल भारतवर्षीय दिगम्बर जन परिषद् डा. गंगाराम गर्ग ८. कुंभारिया के संभवनाथ मन्दिर की जैन
स्वर्ण जयन्ती समारोह देवियां-मारुतिनन्दन प्रसाद तिवारी
शनिवार, रविवार दिनांक ६ व ७ जनवरी ७३ को कोटा शोषछात्र
१०१ (राजस्थान) में होना निश्चित हुअा है। ६. जैन दृष्टि में अचलपुर-चन्द्रशेग्वर गुप्त | जैसा कि पापको विदिन ही है कि यह ममारोह १ व (शोधछात्र)
1 २ अक्टूबर को हो रहे थे। छात्रो द्वारा हिमक उपद्रवो के १०. कामघट (कहानी)-मुनि श्री महेन्द्र कुमार
कारण स्थगित करने पड़े। प्रथम
१०६ ११. प्राकृत भाषा और नीति-डा० बालकृष्ण
जैन समाज की सभी सस्थानों, अादरणीय गहानुभाव अकिचन एम. ए. पी. एच. डी.
विद्वान, एवं कार्यकर्ताओं से प्रार्थना है कि वह अपने कार्य१२. सामान्य रूप से जैनधर्म क्या है ?
क्रमों से इन तिथियों को बचाकर रखे, जिससे कि आप -लाला महेन्द्रसेन जैन
इस समारोह में सुगमता से भाग ले सके । १३. नयनार मन्दिर-ले. टी. एस श्रीपाल,
निमत्रणादि यथा समय प्रेषित किये जायेगे। अनुवायक प० बलभद्र जैन
-प्रार्थीजम्बू कुमार जैन
सुकुमार चन्द्र जैन १४.५० दौलतराम-कासलीवाल
स्वागताध्यक्ष
प्रधानमन्त्री परमानन्द जैन शास्त्री
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स्वागत समिति जैन भवन अ०भा० जन परिषद १५. राजस्थान के जन कवि और उनकी कृतियाँ स्टेशन रोड, कोटा (राज.) २०४, दरीबाकला, दिल्ली
-डा. गजानन मिश्र एम. ए. प्राध्यापक दुरभाष : ४०२७,८१६ दूरभाद:२७७९४७ राजकीय महाविद्यालय वारा (कोटा) १३०
दिनाक: २६.१०.७२ १६. कर्नाटक की गोम्मट मतियां
सम्पादक-मण्डल प. के. भुजबली शास्त्री प्राचार्य
डा० प्रा० ने० उपाध्ये १७. साहित्य-समीक्षा-परमानन्द जैन शास्त्री १३५
डा० प्रेमसागर जैन श्री यशपाल जैन
परमानन्द शास्त्री अनेकान्त में प्रकाशित विचारों के लिए सम्पादक अनेकान्त का वार्षिक मूल्य ६) रुपया मण्डल उत्तरदायी नहीं हैं। -व्यवस्थापक अनेकान्त
एक किरण का मूल्य १ रुपया २५ पैसा
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