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________________ २१० बर्ष २४,कि.६ अनेकान्त देश के स्वेच्छिक और वैतनिक कार्यकर्तामों से मनरोष लिए पत्र-पत्रिकाएं और पुस्तकें इकट्ठी की गई। किया गया कि वे सहायता मोर माश्रय के लिए सामाजिक कार्यकर्तामों और स्वेच्छक संगठनों का योगदान भारत के द्वार खटखटाने वाले शरणार्थियों के लिए दिल राज्य बोडो की अध्यक्षानों ने जवानों के लिए उपखोलकर दान दें । बोर्ड ने बंगला देश के शरणार्थी शिविरों हार; सिगरेट, मेवा प्रसाधन वस्तुएं तथा ऊनी वस्त्र के लिए पूर्णत: सजिजात चलते-फिरते अस्पतालों के लिए इकट्ठा करने के लिए स्वेच्छि सगठनों पोर स्वेच्छिक धनराशि देने का प्रस्ताव रखा। कार्यकर्तामों के नाम अपील जारी की। स्वेच्छिक कार्यपश्चिम बगाल मौर त्रिपुरा मे बंगाल देश सहायता कर्ता जिला मोर ग्राम स्तरों पर जवानों के परिवारों की समिति के क्षेत्रीय अधिकारियों को बोर्ड के राज्य स्तर के मावश्यकतामों का प्राकलन करने के लिए, उनके साथ अभिकरणों ने शरणार्थियों के लिए सीधे ही सामग्री प्रोर सीधे संपर्क स्थापित कर रहे हैं और शिक्षा में सक्षिप्त वस्त्र भेजे । इसके अलावा बोर्ड के स्वेच्छिक तथा वैतनिक पाठ्यक्रम जैसे समुचित पुनर्वास कार्यक्रमों की योजना बना कर्मचारियों ने इन शरणार्थियों को राहत पहुँचाने की रहे हैं ताकि दो साल के अन्दर-अन्दर जवानों की महिला दृष्टि से ५० हजार रुपये से अधिक इकट्ठे किए। इसके सदस्यों को मिडिल या मैट्रिक तक की शिक्षा दी जा सके अतिरिक्त प्ररुणांचल, त्रिपुरा पश्चिम बगाल, हिमाचल मौर उन्हें उत्पादन एकतों मे प्रशिक्षण दिया जा सके प्रदेश और हरियाणा के राज्य बोडों ने एक लाख रुपये से जहां वे काम द्वारा अपनी रोजी कमा सकें और परिवार अधिक संग्रह किए और यह धनराशि सीधे ही प्रधान मंत्री, की प्राय में पर्याप्त वद्धि कर सकें। सबद्ध राज्यों के मुख्य मंत्री या बगला देश सहायता संघर्ष के दौरान बोर्ड के स्वेच्छिक संगठनों ने जनता समिति के अधिकारियो को दी। के मनोबल को ऊचा उठाने की दिशा में कार्य किया और त्रिपुरा, अरुणाचल और पश्चिम बगाल के राज्य उसे रक्तदान के लिए प्रेरित किया। महिला सामाजिक बोडों की अध्यक्षाम्रो के नेतृत्व मे स्वेच्छिक कार्यकर्तामों कार्यकर्ता अस्पतालो में गए और उन्होंने घायल जवानों के ने अपने सीमित साधनो और दुर्गम सचार व्यवस्था के लिए कल्याण सेवाओं की व्यवस्था की। राजस्थान मे बावजूद बगला देश के लाखों शरणार्थियों को प्राश्रय स्वेच्छिक संगठनों ने बाड़मेर पोर जैसलमेर के इलाकों मे दिया। कार्यकर्तृ यो ने शरणार्थियो को बहुमुखी सेवाएं लड़ने वाले जवानों के लिए शानदार काम किया। जवानों उपलब्ध कराने की दष्टि से शरणार्थी राहत समिति का के परिवारों के लिए ट्रांजिस्टर, प्रेशर कुकर तथा अन्य निर्माण किया। उपहार और घायल सैनिकों के लिए वस्त्र इकट्ठे किए बगला देश में स्वतंत्र नागरिक के रूप मे स्वदेश गए। उन्होने युद्ध में वीर गति प्राप्त या अपंग परिवारों वापस लौटाने वाले शरणार्थियों के लिए महिला सामा- के पते इकट्ठे किए और उन्हें सहायता पहुँचाने के लिए जिक कार्यकर्ता प्रावश्यक सुविधाएं जुटा रहे हैं। उनसे सपर्क स्थापित किया। जवानों की विषवानों और परिवारों के लिए कल्याण उत्तर प्रदेश में कल्याण कार्यों का सगठन कार्यक्रम उत्तर प्रदेश राज्य बोर्ड के एक अधिकारी ने बुलन्दहाल ही में दिसम्बर, १९७१ मे पाकिस्तान के साथ शहर जिले में एक घायल जवानों की पत्नी से संपर्क संघर्ष के दौरान बोर्ड ने चुनौती का फिर सामना किया। स्थापित किया और उसके कई नजदीकी संबन्धियों, पड़ोयुद्ध में स्थानीय रूप से अपंग होने वाले या वीर गति पाने सियों, और अस्पताल तथा जिला अधिकारियो के वाले जवानो की विधवात्रों और परिवारों के पुनर्वास के सहयोग से इस प्रकार की समुचित व्यवस्था की, जिससे लिए केन्द्रीय नागरिक परिषद तथा स्थल, जल एव वायु- उसे कोई कठिनाई न हो । एक जवान से कुछ महत्वपूर्ण सेना पत्नी संघों के साथ घनिष्ठ सहयोग से काम किया। सैनिक कागजात खो गए थे। उत्तर प्रदेश के महिला कार्यकेन्द्रीय स्तर पर, अस्पतालों में जवानों के मनोरजन के कर्तामों ने इन कागजात की छानबीन करने और उन्हें
SR No.538024
Book TitleAnekant 1971 Book 24 Ank 01 to 06
Original Sutra AuthorN/A
AuthorA N Upadhye
PublisherVeer Seva Mandir Trust
Publication Year1971
Total Pages305
LanguageHindi
ClassificationMagazine, India_Anekant, & India
File Size16 MB
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