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बम मिलवात एकमध्ययन
मति प्राप्त है, जैसा कि उसके निम्न मति लेख से स्पष्ट २५ पन्यकुमार रास २६पादत्तप्रवन्ध रास
२७ पुष्पांजलि रास २८ धनपाल रास (दान
कबा राय) ____ "सं० १५१६ माघसुदी ५ श्री मूलसंधे भ. सकल
३० जीवन्धर रास कीर्तिदेवः तच्छिष्य ब. श्री जिनदामम्य उपदेशात् ब. २६ भविष्यदत्त रास मल्लिदास जोगडा पोरवाड साह नाऊ भार्या नेई भ्राता ३१ नेमीश्वर रास ३२ करकह मुनि रास घणा भार्या हर्षी नित्यं प्रणमति ।"
३३ सुभोमचक्रवर्ती रास ३४ मठावीस मूलगुण राम -गंजबासौदा मूर्ति लेख बढेपुरा मन्दिर ३५ जयकुमार रास ३६ मड़कनो रास प्रापके अनेक शिष्य थे, ब्रह्म जिनदास ने अपनी रच- ३७ सुकमाल स्वामी रास २८ निर्दोष सप्तमी रास नामों में अपने ४-५ शिष्यों का उल्लेख तो किया है पर ३६ पुरंदर विधान रास ४० लब्धिविधान रास अन्य शिष्यों का उल्लेख अन्वेषणीय है।
४१ आकाश पंचमी रास ४२ मालिन कया रास अन्य रचना
४३ जिनेन्द्रभक्ति रास ४४ वारिषेण रास आपकी रचनामो को देखने से पता चलता है कि ४५ गुणस्थान रास ४६ पंचपरमेष्ठी रास प्रापके जीवन का अधिकांश भाग उनकी रचनामों में ४७ मौनव्रत रास ४८ विष्णुकुमार कथा रास बोता है । अापकी उपलब्ध रचनाएं दो भागों में विभक्त ४६ सुगधदशमी कथा रास ५० गुणपाल श्रेष्ठिनो रास की जा सकती है। पुराण चरित कथा और पूजन तथा ५१ पठाई व्रत रास १२ मउड सप्तमी रास रासा साहित्य हैं। उनकी संख्या ७० से अधिक है। उनकी ५३ जोगी रास १४ चन्दन षष्ठी रास सूची निम्न प्रकार है
५५ निर्दोष सप्तमी रास ५६ सम्यक्त्व अष्ट अंग रास १ जंबू स्वामि चरित २ पद्मपुराण
५७ श्रुतस्कंध रास १८ जीवदयारास ३ हरिवंशपुराण ४ पुष्पाञ्जलि व्रत कथा ५६ हरिवंश रास ६० आदिपुराण राम ५जबूद्वीप पूजा ६ सार्घद्वयद्वीपपूजा
इन सब रास रचनामों का परिचय देना इष्ट नही है। ७ सप्तर्षि पूजा ८ ज्येष्ठ जिनवर पूजा इन रासामों में से दो रासो मे रचना काल उपलब्ध है। ६ सोलह कारण पूजा १० गुरु पूजा
कवि ने रामरास' सं० १५०८ में, और हरिवंश रासकी ११ अनन्तव्रत पूजा १२ जलयात्रा विधि
रचना स. १५२० में की थी। शेष रासो मे रचना काल राजस्थानी रासा साहित्य :
नही है। इन रासो की भाषा राजस्थानी और गुजराती १ रामसीतारास (रामा.रास) २ यशोधर रास मिश्रित है। 'प्रणमीने', रूवडो, तणो, हवू, सोहामणु, धर्मनी, ३ हनुवंत रास
४ नागकुमार रास पामीइ, लीधु, सांभले, प्राव्य, वघावणा, चग, कोषू, मी, ५ परमहंम रास
६ अजितनाथ रास दीठिउ प्रादि शब्द गुजराती भाषा के है जो रासक कृतियों ७ होली रास
८ धर्मपरीक्षा रास में उपलब्ध होते है। चूंकि ब्रह्म जिनदास गुजरात प्रदेश ६ ज्येष्ठ जिनवर रास १० श्रेणिक रास के निवासी थे पोर सागवाड़ा आदि राजस्थान के प्रदेशों ११ समकितमिथ्यात्व रास १२ सुदर्शन रास मे रहे है । प्रतएव तत्सम्बन्धी भाषा शब्दों का पाया १३ अंबिका गस १४ रात्रिभोजनवर्जनरास जाना स्वाभाविक है । कथा रास और चरित्रादि रासों के १५ श्रीपाल रास १६ जंबूस्वामी रास २७ भद्रबाहुरास १८ कर्मनिष्ठाक रास १ संवतपन्नर पठोतरा मगसिर मास विशाल । १६ सुकौशलस्वामी रास २० रोहिणी व्रत रास शुकल पक्ष चउदिसिदिनी, रास कियो गुणमाल ।। २१ सोलहकारणवत रास २२ दशलक्षणव्रत रास २ संवत पद्रह वीसोत्तरा विशाखा नक्षत्र विशाल । २३ मनन्तव्रत रास २४ बंकचूल रास
शुकल पक्ष चौदसि दिना रास कियो गुणमाल ।।