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अनेकान्त का अगला अंक
अनेकान्त का अगला अंक संयुक्तांक होगा तथा फरवरी के अन्तिम सप्ताह में प्रकाशित होगा । कान् के तेई वर्ष के इस पूर्णांक मे महत्वपूर्ण शोध सामग्री तथा तेईसवें वर्ष के प्रकों में प्रकाशित शोध निबन्धों की प्रनुक्रमणिका भी रहेगी। चौबीसवें वर्ष के प्रथम अंक से ही अनेकान्त को अधिक उपयोगी तथा महत्वपूर्ण बनाने के विभिन्न प्रयत्न किये जा रहे हैं।
वीर-सेवा मन्दिर और "अनेकान्त" के सहायक
१०००) श्री मिश्रीलाल जो धर्मचन्द जी जन, कलकत्ता १०००) श्री देवेन्द्रकुमार जैन, ट्रस्ट
श्री साहू शीतलप्रसाद जी, कलकत्ता ५००) श्री रामजीवन सरावगी एण्ड संग, कलकत्ता ५०) श्री गजराज जी सरावगी, कलकत्ता ५००) श्री नथमल जी सेठी, ५०० ) श्री वैजनाथ जी धर्मनन्द जी, कलकत्ता २५१ ) श्री शिखरचन्द जो झांझरी, कलकत्ता २५१) श्री रा० वा० हरखचन्द जी जैन, रांची
कलकत्ता
२५१ श्री भ्रमरचन्द जी जैन ( पहाडचा), कलकत्ता
२५१) श्री स० सि० धन्यकुमार जी जैन, कटनी
२५१) श्री सेठ सोहनलाल जी जैन, मैसर्स मुन्नालाल द्वारकादास, कलकत्ता २५१) श्री लाला जयप्रकाश जी जैन स्वस्तिक मेटल बन जगाधरी
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२५०) श्री मोतीलाल हीराचन्द गांधी, उस्मानाबाद २५०) श्री बीर जी जुगलकिशोर जो कलकत्त २५०) श्री मन्दिरदास जी जैन, कलकता २५०) श्री सिधई कुन्दनलाल जी, कटनी
२५०) श्री महावीरप्रसाद जी अग्रवाल कला २५०) श्री बी० धार० सी० जैन, कलकत्ता २५०) श्री रामस्वरूप जो नेमिचन्द्र जो, कलकत्ता १५०) श्री बजरंगलाल जो चन्द्रकुमार जो, कलकत्ता
१५०) श्री चम्पालाल जो सरावगी, कलकला १५०) श्री जगमोहन जो सरावगी, कलकत्ता १५०)
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,, कस्तूरचन्द जी प्रानन्दीलाल जी कलकत्ता कन्हैयालाल जी सीताराम, कलकत्ता
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पं० बाबूलाल जी जैन, कलकत्ता
मालीराम जी सरावगी, कलकत्ता
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व्यवस्थापक 'अनेकान्त'
वोर सेवामन्दिर २१, दरियागंज दिल्ली ।
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सेठ चालरचन्दनो बम्बई न० २ लाला शान्तिलाल कागजी, दरियागंज दिल्ली
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सेठ भंवरीलाल जी बाकलीवाल, इम्फाल शान्तिप्रसाद जी जैन, जैन बुक एजेन्सी, नई दिल्ली सेठ जगन्नाथजी पाण्डया झूमरीतलं या
सेठ भगवानदास शोभाराम जी सागर
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१०१)
१०१)
१०१)
बाबू नृपेन्द्रकुमार जी जैन, कलकत्ता
१०१) सेठ दानमल हीरालाल जी, 1. बाई (राज० ) बद्रीप्रसाद जी ग्रात्माराम ओ, पटना रुपचन्दजी जैन,
१००)
कलकत्ता
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प्रतापमल जी मदन शाल पांड्रा, कलकला
भागचन्द जी पाटनी, कलकत्ता
शिखरचन्द जो सरावगी, कलकत्ता
सुरेन्द्रनाथ जी नरेन्द्रनाथ जी कलकत्ता
मारवाड़ी दि० जैन समाज, व्यावर
दिगम्बर जैन समाजा, केकड़ी
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१०० )
१००) जैन रत्न सेठ गुलाबचन्द जी टोंग्या इन्दोर