SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 245
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ २२८, वर्ष २२ कि०५ भनेकान्त हार जीत-श्री भगवत जैन ६।२७२ होली होली है-युगवीर ३१३५१ हिन्दी गौरव-पं. हरिप्रसाद शर्मा 'पविकसित' है।६३ होली होली है-युगवीर 88 हिंसक और हिंसक-मुन्नालाल 'मणि' हृदय की तान-प. दरबारीलाल श६२० है मोती सा नीर अरे मेरे जीवन का-मुनि श्री मानमल हृदयोद्गार-प. दरबारीलाल ११६२० वीदासर १६२८५ हृदय है बना हुमा फुटयाल-युगवीर ८।६८ होली-श्री युगवीर ३१३५६ हृदयोद्बोधन-पं. दरबारीलाल ११५१६ ७. व्यक्तिगत (परिचय, अभिनन्दन आदि) ए अनासक्त कर्मयोगी-पं. कैलाशचन्द १६१० ऐसे उपकारी व्यक्ति को श्रद्धा सहित प्रणाम (कविता)अनुसंधान के पालोक स्तंभ-प्रो. प्रेममुमन जैन २१।२११ कल्याणकुमार 'शशि' १९३६ अनेकान्त प्रौर बीरसेवामन्दिर के प्रेमी बा. छोटेलाल- ऐसे थे हमारे बाब जी ऐसे थे हमारे बाबू जी-विजयकुमार चौधरी एम. ए. ____ जुगलकिशोर मुख्तार १९:१८१ । २११२४६ अन्तिम तीन इच्छाएं-डा. प्रेमसागर १६०२३ अभिनंदन पत्र १६१६५, १६३१६६ उदारमना स्व. बाबू छोटेलाल जी-प. बंशीधर शास्त्री अमरकृतियों के स्रष्टा ६।१७६ १६२ अमरमानव-संत राम बी. ए. ३१५३३ उनकी अपूर्व सेवाएं-पन्नालाल अग्रवाल १९४८ अमर साहित्य सेवी-पं. कैलाकचन्द्र सि. शा. २११२०६ उनके मानवीय गुण-अक्षयकुमार जैन १६।१८ अहिंसा के पुजारी अलबर्ट स्वाइट्जर-प. बनारसीदास उस मृत्युंजय का महाप्रयाण-डा. ज्योतिप्रसाद जैन चतुतेदी एम. पी. १५४४ एम. ए. पी. एच. डी. २११२२३ प्रा प्राचार्य जुगलकिशोर जी मुख्तार-डा. कस्तूरचन्द जी एक अकेला आदमी-मुनि कन्तिसागर १६:३४ कासलीवाल २११२७३ एक अपूरणीय क्षति-पन्नालाल साहित्याचार्य २११२५४ प्राचार्य श्री मुख्तार जी-पं. मोहन शर्मा ६.१७६ एक अविस्मरणीय व्यक्तित्व-भंवरलाल नाह १९९७ प्रादर्श अनुसन्धाता-डा. ए. एन. उपाध्ये ६।१७६ एक झांकी-पं. रविचन्द्र ६।१८३ मादर्श पुरुष-पं. अजितकुमार शास्त्री ६१८० एक निष्ठावान् साधक-जैनेन्द्र कुमार जैन ११७ आधुनिक जैन युग के 'वीर-श्री मती विमला जैन २१।२५६ एक महान् साहित्यसेवी का वियोग-सम्पादव ।२६५ एक सरस कवि-पं. मूलचन्द्र वत्सल ६२५७ इतिहास का एक युग समाप्त हो गया-डा. गोकुलचन्द्र एक संस्मरण-डा. ज्योतिप्रसाद जैन १९१६० जैन एम. ए. २११२७० इतिहास के एक अध्याय का लोप-डा. भागचन्द्र जैन भागेन्दु २११२७५ कठोर साधक-पं. लालबहादुर शास्त्री ६।१८३ कतिपय श्रद्धांजलियां-विविध विद्वानों और प्रतिष्ठित ईसरी के संत-जुगलकिशोर ४, चित्र व्यक्तियों द्वारा २१४१६४-२०७ ए
SR No.538022
Book TitleAnekant 1969 Book 22 Ank 01 to 06
Original Sutra AuthorN/A
AuthorA N Upadhye
PublisherVeer Seva Mandir Trust
Publication Year1969
Total Pages334
LanguageHindi
ClassificationMagazine, India_Anekant, & India
File Size17 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy