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________________ २२६, वर्ष २२ कि. ५ अनेकान्त पथिक-श्री दद्दूलाल जैन ५।२६७ भाग्यगीत-श्री भगवत जैन ८.१०. पथिक से-ज्ञानचन्द भारिल्ल ७.१२० भामा शाह-श्री भगवत जैन ८७४ प्यारी बांतुन-युगबीर १३३०७ भोवना-युगवीर २१६० परम उपास्य-युगीर १११६३ कि.१ टाइटिल ३ भीतर और बाहर-भूधरदास १७४१६४ परमाणु-पं. वैमसुखदास ३।४४० पर्युषण पर्व के प्रति-4. राजकुमार जैन ४।३७१ मंगलगीत-श्री भगवतस्वरूप भगवत् २१४२ पराधीनता जीवन ऐसा-श्री भगवत जैन ५१३७ मंगलशासन में (संस्कृत)-पन्नालाल जैन ६।१९८ परोपकार-गिरधर शर्मा २१३३४ मदीया द्रव्य पूजा-युगवीर ६३६५ पाव जिन जयमाला निंदा स्तुति मन को उज्ज्वल धवल बना-बा. जयभगवान एडवोकेट स्व. पं. ऋषभदास चिलकाना निवासी १३१२८२ १४॥६१ पुण्य पाप-श्री भगवत्त जैन १४ मनो वेदना-श्री भगवत जैन २१२७२ पूजा राग समाज तातें जैमिम योग किम-- महापुरुष-प. दरबारीलाल न्यायतीर्थ ११६३ स्व. पं. ऋषभदास १३११८५ महावीर गीत-शान्तिस्वरूप कुसुम ३३८६ पंथी से-श्री कुसुम जैन १५८ महावीर सन्देश-युगवीर १११८ प्रकाश रेखा-स्व. भगवत जैन ७.१८० महावीर स्तवन-प. नाथूराम प्रेमी ११।१०२ प्रणाम-पं. चैनसुखदास ॥१३५ महावीर स्वामी से भक्त की प्रार्थना-प. नाथूगम प्रेमी प्रतीक्षा-कल्याणकुमार 'शशि' २।१६५ १११३८ प्रश्न-श्री रत्नेश विशारद ३१४५० महावीर है-प. मुन्नालाल विशारद ११५४८ प्रार्थना-नाथूराम प्रेमी १३३२१ महा शक्ति-"शशि" ८/१७२ प्रार्थना-चौधरी वसन्तलाल ॥५९६ मानवधर्म-युगवीर ३१३०३ मानव समान-पं. नाथराम डोगरीय २१३६६ फूल से-घासीराम जैन कि.-६ टाइटिल १० मीठे बोल-श्री कुसुस जैन १३७० मोन सवाद-युगवीर ३।४०, ११।१०८ बंदी-पं. काशीराम शर्मा 'प्रफुल्लित' श२५ मुक्तिगान-श्री मनु ज्ञानार्थी "साहित्यरत्न" १३।१२० बासी फूल-श्री भगवत जैन ११३८ मुझे न कही सहारा-राजेन्द्रकुमार ६०१८ बुझता दीपक-कल्याणकुमार 'शशि' ४१५४ मेरा धौशव भी ऐसा था-श्रीविजयकुमार "चौधरी" बुढापा-कवि भूधरदास ६।२१३ १०१३५२ बुरी भावना-गिरधर शर्मा (नवरल) ११०६ मेरी भभिलाषा-रघुवीरशरण अग्रवाल वर्ष २ कि.७ टा. ३ मेरी द्रव्य पूजा-जुगलकिशोर मुख्तार ३३५ भक्तिभाव भर दे-प. मुन्नालाल मणि ११५६५ मेरी भावना अपने इतिहास और भनुवादों के साथभगवान महावीर-मानन्द जैन दर्शनशास्त्री २१३४२ युगवीर ११३१३४ भगवान महावीर-वसन्तकुमार जैन १७१७२ भगवान महावीर से-पं. नाथराम डोंगरीय ७।६० यदि तुम्हारा प्यार होता-भगवत जैन ६।२५६ भगवान महावीर से धर्मस्थिति निवेदन-प. नाथूराम प्रेमी यह सब ही खोना है-भगवत जैन ४१२४७ १११११२ युग के चरण मलख चिर चंचल-तन्मय बुखारिया भविष्यवाणी-श्री काशीराम शर्मा ८।१०५ ६।२४३
SR No.538022
Book TitleAnekant 1969 Book 22 Ank 01 to 06
Original Sutra AuthorN/A
AuthorA N Upadhye
PublisherVeer Seva Mandir Trust
Publication Year1969
Total Pages334
LanguageHindi
ClassificationMagazine, India_Anekant, & India
File Size17 MB
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