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________________ ३. पुरातत्त्व (इतिहास, संस्कृति, स्थापत्य, कला) २२१ शोधकण-बाबू छोटेलाल जैन १६।४३ श्रीपुर पार्श्वनाथ मन्दिर के मूति-यत्र लेख सग्रहशोधकण-परमानन्द शास्त्री १८१६० पं. नेमचन्द धन्नूसा जैन १८१२५, १९८० शोध टिप्पण-नेमचन्द धन्नूसा जैन १७।१२० श्रीपुर में राजा ईल से पूर्व का जैन मन्दिरशोध टिप्पण-मुनि श्री नथमल १७।११८, १७।१२२ नेमचन्द धन्नूसा जैन १७।१४५ शोध टिप्पण-प्रो. डा. विद्याधर जोहरापुरकर १६।१७५, श्री बाहुबली की प्राश्चर्यमयी प्रतिमा-पा० श्री विजयेन्द्र १६।२५६ सूरि १२।३११ शोध टिप्पण-परमानन्द शास्त्री १६:१३८ श्री भद्रबाहु स्वामी-मुनि श्री चतुर्विजय (अनुवादक धमणगिरि चले-जीबबन्धु टी. एस. अनुवादक परमानन्द) १३१६७८ पी. वी. वास्तव दत्ता जैन न्यायतीर्थ एम.ए. १४।१२५ श्रीमोहनलालजी ज्ञानभडार मूरत की ताडपत्रीय प्रतियांश्रमण परम्परा और चाण्डाल-डा. ज्योतिप्रसाद जैन एम.ए. श्री भवरलाल नाहटा १८।१७६ श्री राहल का सिह सेनापति-श्री माणिकचद ६।२५३ १४।२८५ श्रुतकीति और उनकी धर्मपरीक्षा-डा० हीरालाल जैन श्रमण बलिदान-श्री अग्विल १२॥३६६ श्रमण सस्कृति और भाषा-न्या. प. महेन्द्र कुमार ५११६३ । एम. ए. ११।१०५ शृगेरी की पार्श्वनाथ वस्ती का शिलालेखश्रमण सस्कृति का प्राचीनत्व-मुनि श्री विद्यानन्द बाब कामता प्रसाद जैन ६।२२४ २०।१२७ श्रमण सस्कृति के उद्धारक-ऋपभदेव-परमानन्द शास्त्री सप्नक्षेत्र रासका वर्ण्य विषय-श्रीनगरचन्द नाहटा १५।१६० १६।२७३ ममन्तभद्र का मुनि जीवन और आपत्कालश्रमण मस्कृति में नारी-परमानन्द जैन १३१८४ मम्पादक ४।४१, ४।१५३ श्रावकव्रतविधान का अनुष्ठाना मानन्द श्रमणोपासक समन्तभद्र का समय निर्णय-जुगलकिशोर मुख्तार १४१३ बालचन्द सि. शा. १९४७६ समन्तभद्र का समय-डा. ज्योतिप्रसाद जैन एम. ए. धावणकृष्ण प्रतिपदा की स्मरणीय तिथि-परमानद शा. एल. बी. १४१३२४ २१४७३ सम्राट अशोक के शिलालेखों की प्रमरवाणीश्री अन्तरिक्ष पार्श्वनाथ पोली मन्दिर शिरपुर श्री निर्द्वन्द १०१३०८ नेमचन्द धन्नूसा जैन २०११ साहित्य में अन्तरिक्ष पार्श्वनाथ श्रीपुरश्री अन्तरिक्ष पाश्वनाथ वस्ती मन्दिर तथा मूल नायक १. नेमचन्द घन्नूमा जैन १८१२२४, १८।२६५ मूति शिरपुर-नेमचन्द धन्नूसा जैन २०११६६ सिनन्नवासल-गुलाबचन्द अभयचन्द ६।३६३ श्री क्षेत्र वडवानी-प्रो. विद्याधर जोहरापुरकर १५८७ सिरि ग्वारवेलके शिला की १४वी पक्ति-बा. कामताप्रसाद १२३० श्री खारवेल प्रशस्ति और जैनधर्म की प्राचीनता सीरा पहाड के प्राचीन जैन गुफा मन्दिरकाशीप्रसाद जायसवाल ०२४१ श्री नीरज जैन १२२२२ श्रीधर स्वामी की निर्वाण भूमि कुण्डलपुर मुत्रधार मडन विरचित रुपमडन मे जैन मूर्ति लक्षणजगमोहनलाल शास्त्री २०११९१ अगरचन्द नाहटा १६।२६४ श्रीपुर क्षेत्र के निर्माता राजा श्रीपाल ईल सेनगण की भट्टारक परम्परा-श्री प. नेमचन्द धन्नूसा नेमचन्द धन्नूसा जैन २१३१६२ १८११५३ श्रीपुर निर्वाण भक्ति और कुन्दकुन्द मोनागिरि की वर्तमान भट्टारक गद्दी का इतिहामडा. विद्याधर जोहरापुरकर १८।१४ श्री बालचन्द जैन एम. ए. १०।३६१
SR No.538022
Book TitleAnekant 1969 Book 22 Ank 01 to 06
Original Sutra AuthorN/A
AuthorA N Upadhye
PublisherVeer Seva Mandir Trust
Publication Year1969
Total Pages334
LanguageHindi
ClassificationMagazine, India_Anekant, & India
File Size17 MB
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