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________________ ३. पुरातत्त्व (इतिहास, संस्कृति, स्थापत्य, कला) २१७ नंदिसध बलात्कारगण की शाखा-प्रशाखाएँ पंजाब में उपलब्ध कुछ जैन लेख-डा. बनारसीदास ५७१ पं. पन्नालाल सोनी १४१३४३ प्रतिमालेख संग्रह और उसका महत्व-मुनि कातिमागर नया मन्दिर धर्मपुरा के जैन मूर्तिलेख ४१४२७, ४।५०१ सक. परमानन्द शास्त्री १५॥१००, १५२२३७ प्रतिहार साम्राज्य मे जैनधर्म-डा. दशरथ शर्मा एम. ए. मया मन्दिर के जैन मूर्तिलेख-परमानन्द शास्त्री डी. लिट. १८११७ १६.५०, १६।१८, १६।१४५, १६।१६४, १६।२४२ ।। प्रभाचन्द्र का समय-प. महेन्द्र कुमार न्या. ४।१२४ नया मन्दिर धर्मपुरा दिल्ली के जैन मूति लेख प्रभाचन्द्र के समय की सामग्री-महेन्द्र कुमार जैन एम. ए. परमानन्द जैन शास्त्री १७२ २०६१, २०२१५ नवागढ (एक महत्त्वपूर्ण मध्यकालीन जैनतीर्थ)- प्राकृत वैयाकरणो की पाश्चात्य शाखा का सिहावलोकनश्री नीरज जैन १५॥३३७ डा. सत्यरंजन बनर्जी १६।१७५ नाग सभ्यता की भारत को देन-बा. ज्योतिप्रसाद जैन प्राग्वाट जाति का निकास-- अगरचन्द नाहटा ४।३८६ ६।२४६, ६।२६८ प्राचीन जैन मन्दिगे के ध्वंस से निर्मित मस्जिदेंनिर्वाणकाण्ड के पूर्वाधार तथा उसके रूपान्तर बा. ज्योतिप्रसाद जैन ८।२७६ डा. विद्याधर जोहगपुरकर २२७ प्राचीन जैन साहित्य और कला का प्राथमिक परिचयनिसीहिया नसियो-हीरालाल सि. शा. १३।४३ एन. मी. बाकलीवाल १८५ नपतुग का मत विचार-एम. गोविद पं ३१५७८, ३१६४५ प्राचीन पट अभिलेख -श्री गोपीलाल अमर एम. ए. १५।२३१ पतियानदाई : एक गुप्तकालीन जैन मन्दिर प्राचीन मथुरा के जैनो की सघ व्यवस्थागोपीलाल अमर १६॥३४० डा. ज्योतिप्रसाद जैन १७१२१७ पतियानदाई (एक भूला-विसरा जैन मन्दिर) फ श्री नीरज जैन १५११३७ फतेहपुर (शखावाटी) के जैन मूर्तिलेख-परमानन्द जैन पतियानदाई मन्दिर की मूर्तियाँ और चौबीस जिन शास्त्री ११:४०३ शासन मूर्तियाँ-श्री नीरज जैन १६॥१०० परवार जाति के इतिहास पर कुछ प्रकाश बजरगगढ़ का विशद जिनालय-श्री नीरज जैन १८१६५ प. नाथूराम प्रेमी ३।४४१ बानपुर का चतुर्मुख सहस्त्रकूट जिनालय-श्री नीरज जैन पराक्रमी जैन-गोयलीय ११४५ १६.५१ पारग्रह-परिमाण-व्रत के दासीदास गुलाम थे बंकापुर-प. के भुजबली शास्त्री १३।३५३ प. नाथूराम प्रेमी ३१५२६ बागद्ध प्रान्त के दो दिगम्बर जैनमन्दिर-परमानन्द पल्लूग्राम की प्रतिमा व अन्य जैन सरस्वती प्रतिमाएं १३।११२ श्री धीरेन्द्र जैन १७।५७ वादामी चालुक्य नरेश और जैनधर्म-दुर्गाप्रसाद दीक्षित पुरातन जैन शिल्पकला का सक्षिप्त परिचय एम. ए. २०।१२६ श्री बालचन्द्र जैन M. A. १०।३१६ बादामी चालुक्य अभिलेखो में वणित जैन सम्प्रदाय तथा पुरानी बातो की खोज-पं. जुगलकिशोर १।१३०, १११६५, प्राचार्य-प्रो. दुर्गाप्रसाद एम. ए. २०१२४७ १२२६६, १२३२४ बुन्देलखड का प्राचीन वैभव, देवगढ़-श्री कृष्णानन्द गुप्त पोसहरास और भट्टारक ज्ञानभूषण-परमानन्द जैन ४।५१४ १३।११६ बूढ़ी चन्देरी और हमारा कर्तव्य-दीपचन्द्र वर्णी ११३१८
SR No.538022
Book TitleAnekant 1969 Book 22 Ank 01 to 06
Original Sutra AuthorN/A
AuthorA N Upadhye
PublisherVeer Seva Mandir Trust
Publication Year1969
Total Pages334
LanguageHindi
ClassificationMagazine, India_Anekant, & India
File Size17 MB
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