SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 233
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ २१६ वर्ष २२ कि०५ अनेकान्त जोधपुर के इतिहास का एक प्रावरित पृष्ठ दिल्ली शासको के समय पर नया प्रकाशअगरचन्द नाहटा ११।२४८ हीरालाल सि. शा. १६०२५६ जोन पुर में लिखित भगवतीमूत्र प्रशस्ति दीवान अमरचन्द-परमानन्द जैन १३।१६८ श्री अगरचन्द भंवरलाल नाहटा १८।२३८ दीवान रामचन्द छावडा-परमानन्द शास्त्री १३१२५६ ज्ञातवंश-श्री प बेचरदासजी दोशी १५२८६ देवगढ़-श्री नाथूराम सिघई १९८ ज्ञातवंश का रूपांतर जाटवंश-मुनि कवीन्द्रसागर ३।२६७ देवगढ का ऐतिहासिक अनुशोलन-प्रो. भागचन्द जैम ___'भागेदु' एम. ए. १६:२३२ झालरापाटन का एक प्राचीन वैभव देवगढ़ का शान्तिनाथ जिनालयडा. कैलाशचद जैन M.A., पी. एच. डी. १५२२७६ प्रो. भागचन्द जैन एम. ए. २०६२ देवगढ की जैन प्रतिमाएं-प्रो. कृष्णदत्त बाजपेयी, सागरटूड़े ग्राम का अज्ञात जैन पुरातत्व वि. विश्वविद्यालय १५।२७ प्रो. भागचन्द 'भागेन्दु' २११६७ देवताओं का गढ़, देवगढ-श्री नीरज जी सतना १७११६७ तलघर में प्राप्त १६० प्रतिमाएं-श्री अगरचन्द नाहटा देहली के जैन मन्दिर और जैन संस्थाएं१६१ ग. पन्नालाल जैन अग्रवाल ८।२१७ तिरुपटिकारम (जिनकाञ्ची)-श्री टी. एन. रामचन्द्रन टेटली पर्यो मानिa _ १५५१०१ ___ बा. पन्नालाल जैन अग्रवाल ८।१३२ तीन विलक्षण जिनबिम्ब-श्री नीरज जैन १५-१२१ दो ताडपत्रीय प्रतियो की ऐतिहासिक प्रशस्तियांतीर्थकर सुपार्श्वनाथ की प्रस्तर प्रतिमा श्री भवरलाल नाहटा १८८५ व्रजेन्द्रनाथ शर्मा M. A १८१५७ द्रोणगिरि-डा. विद्याधर जोहरापुरकर १७।१२३ तोलबदेशीय प्राचीन जैन मन्दिरपं. लोकनाथ शास्त्री १११०४, १२२ धवला प्रशस्ति के राष्ट्रकूट नरेश-बा. ज्योतिप्रसाद जैन M. A. ८९७ दक्षिण के तीर्थस्थान-पं. नाथूराम प्रेमी २।३५१, २।३८१ धर्कट वन्श-नगरचन्द नाहटा ४।६१० दक्षिण भारत के राजवंशों मे जैनधर्म का प्रभाव- धर्मचक्र सम्बन्धी जैन परम्परा-डा. ज्योतिप्रसाद जैन बा. ज्योतिप्रसाद जैन M. A. ८.३५६ १६।१३६ दक्षिण भारत मे राज्याश्रय और उसका अभ्युदय- पारा और धारा के जैन विद्वान्-परमानन्द शास्त्री डा. टी. एन, रामचन्दन एम. ए. ११॥३७८ १३१२८१ दण्डनायक गंगराज-श्री प. के. भुजबली शास्त्री १५२२५ धारा और धारा के जैन विद्वान-परमानन्द शास्त्री दस्सा बीसा भेद का प्राचीनत्व-प्रगरचंद नाहटा ४१३३६ १४१६८ दिल्ली और उसके पाच नाम-पं. परमानन्द शास्त्री १३६१६ धुवेला संग्रहालय के जैन मूर्तिलेख-बालचन्द जैन एम. ए. दिल्ली पौर दिल्ली की राजाबली १६।२४४ प. परमानन्द शास्त्री ८७१ दिल्ली और योगिनीपुर नामो की प्राचीनता-- नगर खेट-कर्वट-मटम्ब और पत्तन प्रादि की परिभाषाअगरचंद नाहटा १३i७२ ___ डा. दशरथ शर्मा १५३११९ दिल्ली पट्ट के मूलसंघी भट्टारकों का प्रभाव नंदि संघ बलात्कारगण पट्टावली-परमानन्द जैन शास्त्री डा. ज्योतिप्रसाद जैन १७१५४, १७:१५६ १७१३५
SR No.538022
Book TitleAnekant 1969 Book 22 Ank 01 to 06
Original Sutra AuthorN/A
AuthorA N Upadhye
PublisherVeer Seva Mandir Trust
Publication Year1969
Total Pages334
LanguageHindi
ClassificationMagazine, India_Anekant, & India
File Size17 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy