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________________ १८४ १८५ विषय-सूची विषय विषय १ श्री पार्श्वनाथ जिन स्तुति-कविवर बनारसीदास ६७ | २० अनेकान्त एक आदर्श पत्र-प०मिलापचन्द २ तीर्थंकरों को प्राचीन ता-कस्तूरचन्द जैन 'सुमन' १८ | रतनलाल जैन कटारिया ३ इच्छा नियत्रण-सम्पादक (परमानन्द) १०३ | २१ वीरसेवा मन्दिर का साहित्यिक शोध-कार्य४ पाडे लालचन्द का वरांगचरित | प० परमानन्द जैन शास्त्री १६८ डा. भागचन्द 'भास्कर' | २२ स्वामी समन्तभद्र की जैनदर्शन को देन५ विश्व मंत्री का प्रतीक : पयूषण पर्व डा० दरबारीलाल कोठिया १७७ प्रो० भागचन्द भागेन्दु' ११० | २३ पत्रिकाए कैसे चले?-डा. गोकूलचन्द जैन १८२ ६ गुण स्थान, एक परिचय-मुनि श्री समेरमल २१३ | २४ अनेकान्त पत्र का गौरव-पं० जयन्तीप्रसाद ७ ग्वालियर के कुछ मूर्ति-यत्र लेख शास्त्री परमानन्द शास्त्री १२२ २५ अनेकान्त और उसकी सेवाएं८ अनेकान्त-मुनि श्री उदयचन्द जी | डा० दरबारीलाल कोठिया १२४ हबारह प्रकार के सभोग पारस्परिक व्यवहार २६ जैन विद्या का अध्ययन-अनुशीलन : प्रगति के मुनि श्री नथमल १२७ | पथ पर-प्रो. प्रेम सुमन जैन एम. ए. १८७ १० हरिवंशपुराण को प्रशस्ति एव वत्सराज २७ भगवान महावीर का २५सौवा निर्वाणदिवस- १६२ रामवल्लभ सोमाणी २८ श्री आदिनाथ स्तुति-कविवर भूधरदास १६३ ११ वायुपुराण और जन कथाएँ २६ अनेकान्त में प्रकाशित रचनाएं :डा. विद्याधर जोहरापुरकर (१) सैद्धान्तिक (धर्म, दर्शन, न्याय, व्याकरण) १६४ (२) साहित्य २०१ १२ अनेकान्त का दिव्य आलोक ३) पुरातत्त्व(इतिहास, सस्कृति, स्थापत्य, कला)२२२ ५० पन्नालाल साहित्याचार्य (४) समीक्षा २२२ १३ सस्कृत की सीमा-प्रो० उदयचन्द जैन (५) कहानियां (६) कविताए एम. ए. दर्शनाचार्य २२४ १३८ (७) व्यक्तिगत (परिचय, अभिनन्दन आदि) १४ सालोनी ग्राम में उपलब्ध प्राचीन मूर्तियां (८) सामयिक २३१ महेशकुमार जैन १४१ (8) विविध २३७ १५ अब मुखरित विनाश के पथ पर नूतन अनु. (१०) सकलन सन्धान है, (कविता)-कल्याणकुमार जैन 'शशि' १४४ | ३० अनेकान्त के लेखक-गोपीलाल अमर २४२ १६ अलब्ध पर्याप्तक और निगोद-40 मिलापचन्द | ३१ अनेकान्त द्वे मासिक : एक दृष्टि मेरतनलाल जैन कटारिया गोपीलाल 'अमर' २५३ १७ विजोलिया के जैन लेख-रामवल्लभ सोमाणी १५५ | ३२ श्रात्मा का देह-प्रमाणत्व-डा. प्रद्युम्नकुमार १८ अनेकान्त पत्र का इतिहास-पं० परमानन्द शा. १५ २५५ ३३ ज्ञानपीठ साहित्य-पुरस्कार इस वर्ष वरिष्ठ कवि १६ अनेकान्त और श्री परमानन्द जी शास्त्री श्री पंत जी को समर्पित २६० श्रीमती पुष्पलता जैन एम. ए. १६१ | ३४ साहित्य-समीक्षा-परमानन्द, बालचन्द सि. शा. २६२ २२३ २४० जैन सम्पादक-मण्डल डा० प्रा० ने० उपाध्ये डा० प्रेमसागर जैन श्री यशपाल जैन परमानन्द शास्त्री अनेकन्त का वार्षिक मूल्य ६) रुपया एक किरण का मल्य १ रुपया २५ पैसा अनेकान्त में प्रकाशित विचारों के लिए सम्पादक मलाल उत्तरदायी नहीं है। -व्यवस्थापक अनेकान्त
SR No.538022
Book TitleAnekant 1969 Book 22 Ank 01 to 06
Original Sutra AuthorN/A
AuthorA N Upadhye
PublisherVeer Seva Mandir Trust
Publication Year1969
Total Pages334
LanguageHindi
ClassificationMagazine, India_Anekant, & India
File Size17 MB
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