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________________ समाज के तीन महानुभावों का निधन १. बा० रघुबर दयालजी, वकील दिल्ली आप अच्छे धर्मात्मा और मुख्तार श्री जुगल किशोर के मित्रों में से थे । वीरसेवामन्दिर के सदस्य थे। पहले प्रबन्धकारिणी के भो सदस्य रहे हैं। जैन साहित्य और संस्कृति के प्रेमी थे । २. सेठ भागचन्द जी डोंगरगढ़ - अच्छे सम्पन्न, धार्मिक कार्यों का अनुष्ठान करने वाले, संस्कृति के प्रेमी, जयधवला के प्रकाशन में आर्थिक सहयोग प्रदान करने वाले सज्जन थे । ३. ला० कपूरचन्द जी कानपुर- धर्मनिष्ठ जिनवाणी भक्त उदार सज्जन थे, वीरसेवामन्दिर के सदस्य थे । बड़े सहृदय और सरल स्वभावी एवं मिलनसार थे । ये तीनों ही समाज के मान्य धर्मनिष्ठ महानुभाव थे । ऐसे व्यक्तियों का असमय में वियोग हो जाने से समाज को बडी क्षति उठानी पड़ती है । पर काल के सामने किसी की नही चलती, वह बड़ा निष्ठुर और निर्दयी है । हम उन सबके कुटुम्बियों के प्रति सम्वेदना प्रकट करते हैं। और भगवान से प्रार्थना करते हैं कि उन्हें परलोक में सुख-शान्ति की प्राप्ति हो । - प्रनेकान्त परिवार वीर-सेवा-मन्दिर और "अनेकान्त" के सहायक १०००) श्री मिश्रीलाल जी धर्मचन्द जी जैन, कलकत्ता १०००) श्री देवेन्द्रकुमार जैन, ट्रस्ट श्री साहू शीतलप्रसाद जी, कलकत्ता ५०० ) श्री रामजीवन सगवगो एण्ड सस, कलकत्ता ५०) श्री गजराज जो सरावगी, कलकत्ता ५००) श्री नथमल जी सेठी, कलकत्ता ५०० ) श्री वैजनाथ जो धर्मचन्द जी, कलकत्ता ५००) श्री रतनलाल जी झांझरी, कलकत्ता २५१) श्री रा० बा० हरखचन्द जी जैन, रांची २५१ श्री अमरचन्द जी जंन (पहाडधा), कलकत्ता २५१) श्री स० सि० धन्यकुमार जी जैन, कटनी २५१) श्री सेठ सोहनलाल जो जैन, मैसर्स मुन्नालाल द्वारकादास, कलकत्ता २५१) श्री लाला जयप्रकाश जी जैन स्वस्तिक मेटल वर्क्स, जगाधरी २५०) श्री मोतीलाल हीराचन्द गांधी, उस्मानाबाद २५०) श्री मन्शीधर जो जुगलकिशोर जी, कलकत्ता २५०) श्री जुगमन्दिरदास जी जैन, कलकत्ता २५०) श्री सिंघई कुन्दनलाल जी, कटनी २५० ) श्री महावीरप्रसाद जी अग्रवाल, कलकत्ता २५०) श्री बी० धार० सी० जन, कलकत्ता २५०) श्री रामस्वरूप जो नेमिचन्द्र जी, कलकत्ता १५०) श्री बजरंगलाल जी चन्द्रकुमार जी, कलकत्ता १५० ) श्री चम्पालाल जो सरावगी, कलकता १५०) श्री जगमोहन जी सरावगी, कलकत्ता १५० ) १५० ) १५० ) १५० ) १५० ) , कस्तूरचन्द जी प्रानन्दीलाल जी कलकत्ता कन्हैयालाल जो सोताराम, कलकत्ता "" पं० बाबूलाल जी जैन, कलकत्ता मालीराम जी सरावगी, कलकत्ता प्रतापमल जी मदनलाल पांड्या, कलकता भागचन्द जी पाटनी, कलकत्ता शिखरचन्न जो सरावगी, कलकत्ता 12 १०१) १०१) १०१ ) १०१) 800) 12 31 १५० ) १५० ), " १५० ) सुरेन्द्रनाथ जी नरेन्द्रनाथ जी कलकत्ता १०१ ) मारवाड़ी वि० जैन समाज, ब्यावर १०१), दिगम्बर जैन समाज, केकड़ी १०१), से5 चन्दूलाल कस्तूरचन्दजी, बम्बई नं० २ १०१ ) " लाला शान्तिलाल कागजी, दरियागंज दिली सेठ भंवरलाल जी बाकलीवाल, इम्फाल १०१) " "1 " "1 शान्तिप्रसाद जी जैन, जैन बुक एजेन्सी, सेठ जगन्नाथजी पाण्ड्या भूमरीतल्या सेठ भगवानवास शोभाराम जी सागर बाबू नृपेन्द्रकुमार जी जैन, कलकत्ता बद्रीप्रसाद जी प्रात्माराम जी, पटना १०० ) रूपचन्दजी जैन, कलकत्ता १००) जैन रत्न सेठ गुलाबचन्द जी टोंग्या इन्दौर "" "1 11 "
SR No.538022
Book TitleAnekant 1969 Book 22 Ank 01 to 06
Original Sutra AuthorN/A
AuthorA N Upadhye
PublisherVeer Seva Mandir Trust
Publication Year1969
Total Pages334
LanguageHindi
ClassificationMagazine, India_Anekant, & India
File Size17 MB
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