________________
४६
वीर-सेवा मन्दिर को सहायता २१) ला• केशोचन्द जी जैन डिप्टीगज ने ला. पन्नालाल जी के स्वर्गवास के समय निकाले हुए दान मे से सबन्यवाद प्राप्त हुए।
व्यवस्थापक 'अनेकान्त'
अनेकान्त को सहायता
विषय-सूची क्रमांक
विषय १. चिदात्मवदना-मुनिपयनन्दि २. व्याप्ति अथवा अविनाभाव के मूल स्थान
की खोज-५० दरबारीलाल ३. पारस्परिक विभेद मे अभेद की रेखाएं -
साध्वी कनककुमारी ४. पागम और त्रिपिटको के संदर्भ में अजातशत्रु
कुणिक-मुनि श्री नगगज ५. पडित भगवतीदास कृत ज्योतिषसार-डा.
विद्याधर जोहरापुरकर ६. 'टूडे' ग्राम का अज्ञात जैन पुगतत्त्व---प्रो.
मागचन्द 'भागेन्दु' एम. ए. ७. मस्कृत से अरुचि क्यो?-4. गोपीलाल
'अमर' एम. ए. ८. देवागम स्तोत्र व उसका हिन्दी अनुवाद
१० बालचन्द्र सिद्धान्त शास्त्री चित्तौड का कीर्तिस्तभ-५० नेमचन्द धन्नूसा जैन
महावीर का मार्ग-मोहिनी सिंघवी ११. दिगम्बर परम्परा में आचार्य सिद्धसेन
१० कैलाशचन्द्र जी सिद्धान्त शास्त्री १२. भ० शुभकीति और शान्तिनाथ चरित्र
५० परमानन्द शास्त्री अग्रवालो का जैन सस्कृति में योगदान
परमानन्द शास्त्री १४. साहित्य-समीक्षा--परमानन्द शास्त्री
११) ला० पन्नालाल जी के स्वर्गवास के समय निकाले हुए दान मे से ग्यारह रपया अनेकान्त को फर्म ला० घमण्डीलाल नन्हेंमल जैन कसरे सदर बाजार से सधन्यवाद प्राप्त हुए।
व्यवस्थाप 'अनेकान्त' २१ दरियागज, दिल्ली
१३.
न्याय-दीपिका प्राचार्य अभिनव धर्मभूषण की न्याय-दीपिका का दूसग सम्करण तय्यार हो गया है। इस ग्रन्थ के सपादक
और अनुवादक पं. दरबारीलाल जी कोठिया एम. ए. न्यायाचार्य वागणसी है। प्राक्कथन, प्रस्तावना और परिशिष्टादि से अलकृत मूल्य सजिल्द प्रतिका ७) रुपया । ग्रन्थ पौने मूल्य में दिया जाएगा । और विद्यार्थियों को विशेष रूप से ५) रुपये में दिया जाएगा। मगाने की जल्दी करे । डाक खर्च अलग होगा।
व्यवस्थापक: वोर सेवामन्दिर २१ बरियागज, दिल्ली।
सम्पादक-मण्डल डा०मा० ने० उपाध्ये डा. प्रेमसागर जेन
श्री यशपाल जैन परमानन्द शास्त्री
अनेकान्त में प्रकाशित विचारों के लिए सम्पारक मण्डल उत्तरदायी नहीं हैं। -व्यवस्थापक भनेकान्त
अनेकान्त का वार्षिक मूल्य ६) रुपया एक किरण का मूल्य १ रुपया २५५०