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________________ विषय-सूची अनेकान्त के ग्राहकों से विषय पृष्ठ क्रमांक अनेकान्त के जिन प्रेमी ग्राहको का वार्षिक मूल्य प्राप्त नहीं हुआ है। उन्हें चाहिए कि वे २० वर्ष का १. ऋषभ जिन स्तोत्रम्-मुनि श्री पद्मनन्दि ४६ | वार्षिक शुल्क छह रुपया मनीग्राईर से भिजवा दे । २. अलोप पार्श्वनाथ प्रमाद-मुनि कातिमागर ५१ अन्यथा अगला अक वी० पी० से भेजा जावैगा, जिममे ३. देवगढ का शान्तिनाथ जिनालय ८५ पंमा वी०पी० ग्वचं का देना होगा। प्रागा ही नहीं प्रो. भागचन्द जी जैन एम. ए. किन्तु विश्वास है कि प्रमी पाठक वार्षिक मूल्य भेज कर ४. श्री अनरिक्ष पाश्वनाथ पनली दिगम्बर जैन अनुगृहीत करेंगे। मन्दिर शिरपुर-नेम बन्द धन्नमा जैन टरवस्थापक 'अनेकान्त' ५. कैवल्य दिवग एक सुझाव-मुनि श्री नगगज ७४ घोरसेवामन्दिर २१, दरियागंज, दिल्ली ६. महावीर और बुद्ध के पारिपाश्विक भिक्ष भिक्षणिया--निधी नगराज ७ गजा श्रेणिक या बिम्बमार का प्रायुप्यकाल - । प०मिलापचन्द कटारिया ८. पंडित भगवतीदास कृत वैद्यविनोदना० विद्याधर जोहगपूरकर वीरमेवामन्दिर का पुस्तकालय अनुमन्धान से सम्बन्ध ६ भारतीय ज्ञानपीठ द्वाग १९६६ का पुरस्कार रखता है। अनेक शाधक विद्वान अपनी थीसिम के लिए घोपिन-लक्ष्मीचन्द जैन भारतीय ज्ञानपीट ६१ / उपयुक्त मंटर यहा से मगहीत करके ले जाते है। मचा१०. साहित्य-समीक्षा-परमानन्द शास्त्री लक गण चाहते है कि वीग्मेवामन्दिर की लायब्रेरी को पौर भी उपयोगी बनाया जाय तया मुद्रित और अमुद्रित शास्त्रों का अच्छा मह किया जाय । अन. जिनवाणी क प्रेमियो ग हमारा नम्र निवेदन है कि वे वीरसेवामन्दिर सूचना लायत्रंगे को उच्च कोटि के महत्वपूर्ण प्रकाशित एव हस्त. लिसित अन्य भेट भेज कर नथा भिजवा कर अनुगहीन इम अक के दूसरे प्रेम में छपने के कारण शुरु दो। फार्मों के नम्बर १ मे १६ तक छा गये है। उनके स्थान | करे। यह मस्या पुरातत्व और अनुसन्धान के लिए प्रमित है। पर ४६ ६४ तक के नम्बर बना लेना चाहिए। व्यवस्मारक वीरसेवा मन्दिर, २१ दरियागज दिल्ली जिनवाणी के भक्तों से 331 सम्पादक-मण्डल डा० प्रा० ने० उपाध्य डा०प्रेमसागर जैन श्री यशपाल जैन अनेकान्त का वार्षिक मूल्य ६) रुपय। एक किरण का मूल्य १ रुपया २५५० अनेकान्त मे प्रकाशित विचानी के लिए मम्पाट मण्डल उत्तरदायो नही है। ध्यवस्थापक अनेकानन
SR No.538020
Book TitleAnekant 1967 Book 20 Ank 01 to 06
Original Sutra AuthorN/A
AuthorA N Upadhye
PublisherVeer Seva Mandir Trust
Publication Year1967
Total Pages316
LanguageHindi
ClassificationMagazine, India_Anekant, & India
File Size16 MB
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