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________________ श्रद्धाञ्जलि ईमगे के मन्त पूज्य वर्णी गणेश प्रसाद जी की १४वी जन्म जयन्ती आदिवन चतुर्थी २२ सितम्बर को मनाई गई। पूज्य वर्णी जी मानव ममाज के प्राध्यात्मिक मन्त थे। उन जैमा महृदय व्यक्ति अन्य देखने में नही पाता। जैन धर्म की जिननी दृढ श्रद्वा और समयमारादि अध्यान्म ग्रन्थों का जितना गम्भीर मनन उमण, अन्य को शायद ही हो। उनका हृदय मबके प्रति निर्मल भावनाप्रो मे ओन-पोन था। नब का मगन चाहने वाले, और ग्यासकर विद्वानो केशुभाँचन्तक महामना वर्णी जी अब यहा नही है, किन्न उनकी अमर प्रामा परलोक में मुख-शान्ति का अनुभव कर रही होगी। दिल्ली के चातुर्माम मे जो लोग होरजन मन्दिर प्रवेश के कारण उनके विरोधी थे, उनके प्रति भी उनका वमा ही चामिक भाव बना हुग्रा था, उमम रचमात्र भी पग्विनन नहीं हुप्रा और न कभी उनके प्रति प्रप्रिय शब्द का व्यवहार ही किया। इससे उनकी निर्मल परिणति का महज ही प्राभाम हो जाता है। उनकी दम सम परिणनि के + रण उनके विरोधी भी परोक्ष में प्रशमा करते थे । उम महान आत्मा के प्रति बीरगंवा मदिर परिवार अपनी श्रद्धाजलि अपण करता है। माथ ही ममाज में निवेदा करना है कि उनका मारक उनकी पवित्र भावनायो और अभिलापानी के अनम्र होना चाहिये । -वीर सेवा मन्दिर परिवार वीर-सेवा-मन्दिर और "अनेकान्त" के पहायक १०००) श्री मिश्रीलाल जो धर्मचन्द जी जैन, कलकत्ता । १५०) श्री जगमोहन जी मरावगा, कलकत्ता १०००) श्री देवेन्द्र कुमार जैन, ट्रस्ट १५०) ,, कस्तूरचन्द जो प्रानन्दीलाल जी कलकत्ता श्री माहु शीतलप्रसाद जी, कलकत्ता १५०) , कन्हयालाल जी मीनागम, कलकत्ता ५००) श्री रामजीवन मरावगी एण्ड सस, कलकत्ता १५०) , ५० बाब नाल जी जन, कलकत्ता ५० ।। श्री गजराज जी मगवगी, क नकत्ता १५०) , मालीगम जी मगवगी, कनकता ५००) श्री नथमल जी मेठी, कलकत्ता १५०) ,, प्रतापमल जो मदन लान पाठ्या, कलकता ५००) श्रा वजनाथ जी धर्मचन्द जी, कलकत्ता १५०) , भागरन्द जी पाटनी, कलकत्ता 1००) श्री रतनलाल जी झाझरी, कलकत्ता १५०) , शिखरचन्द जी मगवगी, कलकत्ता •५१) श्री ग० बा० रखचन्द जी जैन, राची ५५०) , मुरेन्द्रनाथ जो नरेन्द्रनाथ जा कलकता २५१) श्री अमरचन्द जी जैन (पहाउचा), कलकत्ता १०१) , मारवारी दि. जन ममाज, ध्यावर २५१) श्री म० मि० धन्यकुमार जी जन, कटनी १०१) ,, दिगम्बर जन ममाग, केकडी २५.१) श्री सेठ मोहनलाल जी जैन, १०१) । मेठ चन्दूलाल कस्तूरचन्दजी, बम्बई न०२ मैमर्स मुन्नालाल द्वारकादाम, कलकत्ता १०१) , लाला शान्तिलाल कागजी, दरियागज बिल्ली २५१) श्री लाला जयप्रकाश जी जन १०), सेठ भवरीलाल जो बाकलीवाल, इम्फाल स्वस्तिक मैटल वर्म, जगाधरी १०१) , शान्तिप्रमाद जी जैन, जेन बुक एजन्मी, २५०) श्री मोतीलाल हीराचन्द गाधी, उस्मानाबाद नई दिल्ली २५०) श्री बन्शीवर जो जुगलकिशोर जी, कलकत्ता १०१) , मेठ जगन्नाथगी पाण्रया झमरीतलंया ६५०) श्री जगमन्दिरदाम जो जन, कलकत्ता १०१) , मेठ भगवानदास शोभाराम जी मागर २५०) श्री सिघई कुन्दनलाल जी, कटनी (म०प्र०) २१.०) श्री महावीरप्रमाद जी अग्रवाल, कलकत्ता १०१) , बाबू नृपेन्द्रकुमार जी जैन, कलकत्ता २५०) श्री बी. पार० सी० जैन, कलकत्ता १००), बद्रीप्रसाद जी प्रात्माराम जी, पटना २५०) श्री रामस्वरूप जी नैमिचन्द्र जी, कलकता १००) , रूपचन्दजी जैन, कनकना १५०) श्री बजरगलाल जी चन्द्रकुमार जी, कलकत्ता । १००) जैन रत्न सेठ गुलाबचन्द जी टोग्या ५५०) श्री चम्पालाल जो सरावगी, कलकत्ता इन्दौर
SR No.538020
Book TitleAnekant 1967 Book 20 Ank 01 to 06
Original Sutra AuthorN/A
AuthorA N Upadhye
PublisherVeer Seva Mandir Trust
Publication Year1967
Total Pages316
LanguageHindi
ClassificationMagazine, India_Anekant, & India
File Size16 MB
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