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________________ एक महत्वपूर्ण-पत्र अनेकान्त का जून का अंक मिला। मुझे पढ़ कर बड़ो प्रसन्नता हुई कि जैन ममाज में यह शोध पत्र बहत ममय से निकल रहा है । पत्र में लेखों का चयन मुन्दर और ऐतिहासिक दृष्टि को लक्ष्य में रख कर किया जाता है। अन्वेषक विद्वानों के लिए यह पत्र बहुत उपयोगी सिद्ध होगा। मैं इस पत्र की प्रगति चाहता है। और सचालकों में अनुरोध करूँगा कि वे इमे और भी समुन्नत बनाने का यत्न करें। जो सी. एडवोकेट जालंधर वीर-सेवा-मन्दिर और "अनेकान्त" के सहायक १०००) श्री निश्रीलाल जी धर्मचन्द जी न, कलकत्ता । १५०) , जगमोहन जी सरावगी, कलकत्ता १०००) श्री देवेन्द्र कुमार न, ट्रस्ट, १५०) , कस्तूरचन्द जी मानन्दीलाल कलकत्ता श्री साई शीतलप्रसाद जी, कलकत्ता १५०) , कन्हैयालाल जो सीताराम, कलकत्ता ५००) श्री रामजीवन सरावगी एण्ड संस, कलकत्ता | १५०) , पं० बाबूलाल जी जेन, कलकत्ता ५० ) श्री गजराज जी सराबगी, कलकत्ता ५०), मालीराम जी सरावगी, कलकत्ता ५००) श्री नथमल जी सेठी, कलकत्ता १५०) । प्रतापमल जी मदनलाल पांड्या, कलकता ५००) श्री वैजनाय जी धर्मच जी, कलकता १५०) , भागवन्द जी पाटनी, कलकत्ता ५००) श्री रतनलाल जी झांझरी, कलकत्ता १५०) , शिखरचन जी सरावगी, कलकत्ता २५१) श्री रा० बा हरख बन्द जी जैन, रांची १५०) , सुरेन्द्रनाथ जो नरेन्द्र नाथ जी कलकत्ता २५१) श्री अमरचन्द जी जैन (पहाउचा), कलकत्ता .) , मारवाड़ी विजन समाज, ज्यावर २५१) श्री स० मि०पन्यकुमार जी जैन, कटनी १०१) . दिगम्बर जैन समाज, केकड़ी २५१) श्री सेठ सोहनलाल जी जैन, १०१) .. सेठ चन्दूलाल कस्तूरचन्दजी, बम्बई नं०. मैसर्स मुन्नालाल द्वारकावास, कलकत्ता १०१) , लाला शान्तिलाल कागजी, दरियागंज दिल्ली २५१) श्री लाला जयप्रकाश जी जंन १०१) ,, सेठ भंवरीलाल जी बाकलीवाल, इम्फाल स्वस्तिक मेटल वर्स, जगाधरी १०१) , शान्ति प्रसाद जी जैन २५०) श्री मोतीलाल होराचन्द गांधी, उस्मानाबाद जैन बुक एजेन्सी, नई दिल्ली २०) श्री बन्शी र जी जुगलकिशोर जी, कलकत्ता १०१) , सेठ जगन्नायजी पापया झमरीतनया २५०) श्री गमन्दरदास जी जैन, कलकत्ता १०१) ., सेठ भगवानदास शोभाराम जी सागर २५०) श्री सिंघई कुन्दनलाल जी, कटनी (म०प्र०) २५०) श्री महावीरप्रसाद जी अग्रवाल, कलकत्ता १००) ,, बद्रीप्रसाद जो प्रारमाराम जी, पटना २५०) श्री बी० पार० सी० जन, कलकत्ता १००) , रुपचन्दजी जैन, कलकता २५०) श्री रामस्वरूप जी नेमिचन्द्र जी, कलकत्ता १०.) , जैन रत्न से गुलाबचन्द जी टोंग्या १५.) श्री बजरंगलाल जी चन्द्रकुमार जी, कलकत्ता इन्दौर .५०) श्री चम्पालाल जो सरावगी, कलकता । १००) . बाब नपेन्द्रकुमार गी गैन, कलकत्ता
SR No.538018
Book TitleAnekant 1965 Book 18 Ank 01 to 06
Original Sutra AuthorN/A
AuthorA N Upadhye
PublisherVeer Seva Mandir Trust
Publication Year1965
Total Pages318
LanguageHindi
ClassificationMagazine, India_Anekant, & India
File Size16 MB
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