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________________ संयोजक वीरसेवा - मन्दिर संक० परमानन्द शास्त्री नयामन्दिर धर्मपुरा दिल्ली के जैन मूर्ति - लेख वेदी २ कटनी नं. ३ १. बाहुबली खड्गासन सफेद पाषाण साइज ऊंचाई १७॥ इंच चौड़ाई इन्छ । वि० सं० १९७६ फागुण मासे शुक्ल पक्षे श्री कुन्दकुन्दाम्नाये अकलतरा नगरे प्रतिष्ठितम् । २. सिद्ध मूर्ति सा० उचाई ८ इंच चौड़ाई ६ इंच । श्री सं० १६४५ माघ शुक्ला १३ भानुपुरे श्री कुन्दकुन्दादि दिगम्बर 'गुरूपदेशात् प्रतिष्ठितं जिनबिम्बं सकल संघ शुद्धाम्नायी प्रणमिति नित्यम् । S ५. कुन्धनाथ चिन्ह बकरा सफेद पाषाण सा० उंचाई ७ इंच चौडाई ५ इंच मं० २४७१ वि० सं० २००३ माघ शु० १२ मूलसंघे कुन्दकुन्दाम्नाये मोदीनगरे उत्तर प्रदेश, दिल्ली निवासी ला० रघुवीरसिंह श्री जिनबिम्ब प्रतिष्ठापितमिदं । नोट – इस वेदी में बक्स नं० १ में दो पाषाण मूर्ति -१ सफेद पाषाण की और दूसरी काले पाषाण की, तथा १७ धातु की, २-३ इंच तक की लेखरहित हैं। इंच चौकी ४॥ इंच । दोनों ओर दो महावीर स्वामी - सं १९४७ पौष शु० ६ बिम्बं चन्द्रप्रभ स्वामी वैशाख मासे, (मंवत नहीं ) ४. छोटी मूर्तियां १ इंच से १॥ इंच तक की लेख रहित, शेष ७० मूर्तियां छोटी एक इंच वाली लेग्व रहित । तथा पेटी नं २ में निम्न मूर्तियां और हैं जिनमें एक मूर्ति चौमुखी धातु की है। सं १७६६ मिति माहसुदी ६ श्री मूलसंघे भ० जगत्कीर्ति दूसरी मूर्ति पार्श्वनाथ की है। लेख नहीं है। तीसरी नवफणी पार्श्वनाथ की है जो ३ इंच ऊंची और दो इंच चौड़ी है। सं० १५४२, वैशाख १० । चौथी भी पार्श्वनाथ की है, ३ इंच ऊंची और दो दो इंच चौड़ी है। लेख है, पर अस्पष्ट होने से पढ़ा नहीं जाता। पांचवीं सप्तफणी पार्श्वनाथ की है। जिस पर निम्न लेख अंकित है। संवत १६४१ फागुन सुदि ३ मूल संघे भ० शीलभूषण, ज्ञानभूषण, तदाम्नाये पार्श्वनाथ .. छोटी छोटी ४१ मूर्तियां और हैं। जिनमें पार्श्वनाथ की एक त्रिमूर्ति है। सं १७४१ मगसिर सुदि १५ भट्टारक श्री अजित कीर्ति तदाम्नाये [ अग्नोतकान्वये ] गरग गोत्रे सोनवालेन प्रतिष्ठापितम् । आदिनाथ हल्का गुलाबी पाषाण साइज ऊंचाई १६ इंच चौड़ाई १२ ॥ इंच | सं० १९३५ माघ सु० ३ भ० राजेन्द्र कीर्तिस्तदाम्नाये मेहरचन्द्र ण प्रतिष्ठापितं, इन्द्रप्रस्थ दिल्ली नगरे, रंगीलाल । शीतलनाथ चिन्ह-कल्पवृक्ष मुंगिया पाषाण सा० ऊंचाई १५ इंच चौड़ाई १२ इंच | मं० १९३५ माघ सु० ३ काष्ठ सं लोहाचा-र्यान्वये भ० राजेन्द्रकीर्ति तदाम्नाये श्रोतकान्वये गर्ग गोत्रे साधु ईश्वरचंद तत्पुत्र मेहरचन्द्रण प्रतिष्ठापितं, इन्द्रप्रस्थ नगरे दिल्ली । मूल वेदी आदिनाथ सफेद पाषाण साइज ऊंचाई २० इंच, चौड़ाई १२ इंच चिन्ह हृषभ । सं० १६६४ माघवदि २ सोमवासरे महाराजाधिराजा श्री थानसिंह जी राज्ये भ० श्री चन्द्रकीर्ति तत्पट्ट भ० श्री देवकीर्तिस्तदाम्नाये सरस्वती गच्छे बलात्कार गणे कुन्दकुदाचार्यान्वये ... ........ तत्प्रतिष्ठा कारितं मोजीमा वाद नगरे ।
SR No.538017
Book TitleAnekant 1964 Book 17 Ank 01 to 06
Original Sutra AuthorN/A
AuthorA N Upadhye
PublisherVeer Seva Mandir Trust
Publication Year1964
Total Pages310
LanguageHindi
ClassificationMagazine, India_Anekant, & India
File Size16 MB
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