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________________ ३८ ईसाई तथा सातवें बौड विश्व सम्मेलन को भी बन संघ को प्रेरणा ही ईसाई मिशन को भेंट कर दी। २००० पौण्ड का पोप के भारत भागमन पर तिब्बत के श्री दलाई विशाल घंटा भी स्टार्टम से स्विस जहाज में खास कांग्रेस लामा ने कहा कि "भारत में दो धर्मों का विश्व सम्मेलन के अधिवेशन के लिए पाया था। शुभ-सूचक है।" काची कामकोटि के श्री शराबार्य ने पोप जब हवाई जहाज से बम्बई प्राये, तब हवाई जनता से अपील की कि "पोप का अनादर न करें, शांति अड्डे पर १० लाख की जनता एकत्रित थी, ऐसा बम्बई रखें।" शारदापीठ, (द्वारका, सौराष्ट्र) तथा शृंगेरी पीठ के एरोड्रोम में इधर कितने वर्षों के इतिहास में नही हुआ के शकराचार्यों ने कहा कि "पोपपाल जैसे महामनीषि का था। उपराष्ट्रपति श्री जाकिरहसेन तथा प्रधान मन्त्री श्री भारत मे स्वागत सत्कार होना चाहिए।" विनोबा भावे लालबहादुर शास्त्री ने बम्बई जाकर श्रीयुत् पोप का स्वा- तथा श्री कन्हैयालाल माणिकलाल मुन्शी का जनता को गत किया था। राष्ट्रपति डा. राधाकृष्णन् भी पोप से शान्ति रखने का उद्बोधन महत्व का तो था ही। जैन मिलने के लिए ही हवाई जहाज द्वारा ३-१२-६४ को मुनि श्री सुशीलकुमार जी का उद्बोधन भी श्री जैन सघ के दिल्ली से बम्बई गये थे। श्री पोप को डेढ़ सौ (१५०) वर्ष गौरव को बढाने ही वाला था कि "पोप पाल का अनादर पुरानी खास बहुमूल्य काश्मीरी शाल भेट की गई थी। न करे ।" यह सब होने पर भी प्रार्य समाज, हिन्दू महापोप के भारत आगमन पर, भारत सरकार द्वारा पोष्ट के सभा आदि के द्वारा पोपपाल का विरोध भी हमा। टिकट शुरू करके पोप का स्वागत किया गया था। गोवा. परिणामतः कितनी गिरफ्तारियां भी हई। इतना होने पर दिल्ली, कोचीन, अहमदाबाद तथा कलकत्ता से बम्बई के भी पोपपाल ने भारत मे पाते ही उदार भाव से उन सब लिए ३ दिन की स्पेशल विमानो की सर्विस भी चालू हुई गिरफ्तार व्यक्तियो को छुड़ा दिया। और कहा कि "मैं थी। प्रतिदिन दर्जनों ने भी विभिन्न स्थानों से खास उनकी सेवा के लिए प्रस्तुत है।" पोप ने २४ हजार पौण्ड बम्बई के लिए चलाई गई थी। काग्रेस में सम्मिलित होने गरीबों के लिए दिया । ५०,००० रुपये का दान भारत के के लिए ३३ राष्ट्रो के प्रतिनिधि हजारो की संख्या में गरीब बालकों के लिए किया । गरीबों के लिए विश्वकोष बम्बई आये थे। विमान बम्बई के एरोड्रोम मे पहुँचते ही बनाने की भी विश्व को अपील की। अनाथ बालकों के विशाल जनसमूह को देखकर पोप ने हाथ जोड़कर जनता साथ में पोप ने स्वयं जलपान अर्थात् अल्पाहार भी किया। का अभिनन्दन स्वीकार किया। एक सभा की समाप्ति पर पोप को मिली हुई अनेक भेंटों में एक अन्ध व्यक्ति के स्वयं पोप ने 'जय-हिन्द' का नारा लगाया था। भेंट में उपहार को पोप ने सर्वाधिक महत्व का बतलाया था। पाये हुए रामायण और महाभारत को स्वीकार करते हुए पोप के जुलूम उत्सव प्रादि में अनेकों फोटोग्राफर फोटो पोप ने कहा था कि "महान् ग्रन्थों के रूप में ये दोनों लेने के लिए लगे हुए थे। उनमे श्री जोधामल नाम के महाकाव्य अत्यन्त मूल्यवान हैं।" ३-१२-६४ के दिन ६ एक फोटोग्राफर दुर्घटनाग्रस्त होकर मर गये। तब पोप ने विशिष्ट पादरियों की पवित्रीकरण क्रिया श्रीयुत् पोप ने जोधामल के परिवार को ५००० डालर की सहायता दी। कराई थी। लगभग ३०,००० तीस हजार पादरी बम्बई पोप ने महाराष्ट्र प्रान्त के राज्यपाल को, श्रीमती विजयमें सम्मिलित हुए। पोप के पास समय न होने के कारण लक्ष्मी पडित तथा श्रीमती इन्दिरा गाँधी प्रादि कितने पोप के खास प्रतिनिधि सेण्ट जेवियर्स की समाधि पर श्रद्धा ही विशेष व्यक्तियों को चाँदी का पदक तथा चाँदी के प्रकट करने के लिए विशेष विमान से गोवा गये थे। वहाँ फ्रेम में मढ़े हुए अपने फोटो भेंट दिए। पोप ने ३०० जाकर जनता के साथ प्रादर भाव व्यक्त करके पोप बम्बई नर्तकों के विशिष्ट भारतीय नृत्यों को भी देखा । पोप ने पाये थे । बम्बई की काग्रेस तथा तत्सम्बन्धित समारोहों अपने प्रवचनों में जनता को सम्बोधित करते हुए कहा, पर ८७ लाख से भी अधिक खर्च हमा। इस अवसर पर "जन साधारण में ईश्वर के प्रति निष्ठा होनी चाहिये, गवर्नमेंट की ओर से एक लाख बोरी सीमेंट की व्यवस्था मानव समाज को रेडियो, विमान प्रादि वैज्ञानिक प्राविकी गई थी। कारों से भी अधिक प्रावश्यकता प्रेम सौहार्द प्रादि की
SR No.538017
Book TitleAnekant 1964 Book 17 Ank 01 to 06
Original Sutra AuthorN/A
AuthorA N Upadhye
PublisherVeer Seva Mandir Trust
Publication Year1964
Total Pages310
LanguageHindi
ClassificationMagazine, India_Anekant, & India
File Size16 MB
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