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________________ अनेकान्त अथार्थवादी समाज का निर्माण करना होगा। ऐसा समाज प. बंगाल के श्रम एवं सूचना मंत्री श्री विजयसिंह जिसमें उसजना एवं संघर्ष के प्रमुख कारण शोषण, हिंसा नाहर ने धन्यवाद ज्ञापन करते हुए जन कला एवं संस्कृति और कटुता का उच्छेद हो। इसके लिए हमें अहिंग्या और की उत्कृष्टता का विवेचन किया और प्राशा प्रकट की कि अपरिग्रह के सिद्धान्तों पर आधारित नयी सामाजिक भारतीय संस्कृति के इस महत्वपूर्ण अंग पर इस प्रदर्शनी से खला का निर्माण करना होगा । हमें विचार करना है कि समुचित प्रकाश पड़ेगा। भगवान महावीर के उपदेश इसमें किस प्रकार सहायक हो महिलायों की सभा सकते हैं। भगवान महावीर के जन्म दिवस के एक दिन पूर्व २३ । मानधोरिया ने कहा, महावीर के उपदेशों के नीन अग्रल को नगर की महिलामो नेताका भान रस्न सम्पक-दर्शन सम्यक ज्ञान और सम्यक् चारित्र में हार्दिक श्रदांजलि अर्पित की । अहिमा प्रचार सामान हाल महावतों का समावश हैः प्राहमा, सत्य, अाम्नय, ब्रह्मचय में श्रीमती सुभद्रा हम्कर की अयनना में प्रायोजित पौरपरि अर्थात संग्रह और लोभ से निलिप्त । धर्म का महिलाओं की विराट सभा में श्रीमता वाणा राय, श्रीमती सार चरित्र अथवा सदाचरण है । महावार के जाबन ग्रार कुन्था जैन, माध्वी श्री चन्द्र श्री जी ने भगवान महावीर के उनके उपदेशों के अनुशीलन का यही निष्कर्ष है कि व्यकि जीवन दर्शन की विशद चर्चा की। जैन महिला समिति का सुधार होने पर ही कोई समाज उन्नत बन सकता है, की अध्यक्षा श्रीमती उदयकुमारी दुधोरिया के श्राव्हान पर उन्होंने कहा कि अहिंसा और अपरिग्रह श्राज किसी सम्प्रदाय यह सभा बुलाई गई थी। विशेष के धार्मिक विश्वासों तक ही सीमित नहीं रह गये रोगियों में फल मिष्ठान वितरण हैं। मानव जाति शनैः शनः इस बात को 'अनुभव करने २४ अप्रैल को भगवान महावीर की पावन जन्म-निथि बगी है कि अणु-परमाणु के सहार का खतरा इन्हों महान पर अदभुत उन्माह परिलक्षित हुअा। मानवता के महान भादर्शो को ग्रहण कर हट सकता है। संरत्नक की जन्मतिथि के उपलक्ष में जैन सेवा संघ की अहिंसा और अपरिग्रह को मानवीय सभ्यता एवं और प. बंगाल । श्रम एवं सूचना मंत्री श्री विजयसिंह मंस्कृति की श्रेष्ठतम् अभिव्यक्रि बतलाते हुए कुमार नाहर की वृद्धा मातुश्रा यानी इन्द्राकुमारी नाहर के नेतृत्व दुधोरिया ने यह कामना की कि यह अभिव्यक्ति विश्व शांति में महिला स्वयं सेविकानी ने स्थानीय अम्पतालों में जाकर एवं मंत्री का वरदायिनी बने । रोगियों में फल और मिष्ठान का वितरण किया। एवं इस अवसर पर भारत जन महामण्डल की ओर से मुर्शिदाबाद संघ द्वारा अजिम गंज, जियागंज, लाल वाग के विष्यात चित्रकार श्री इन्द्र दूगढ़ का अभिनन्दन भी श्रम्पतालों में रोगियों को मिष्ठान फल का वितरण किया किया गया। गया, मि गंज में ३-४ हजार गराबों को चावल बाटा श्री इन्द्र गढ अन्तराष्ट्रीय व्याति के चित्रकार हैं जिन्हें चित्रकला अपने पिता स्व. दीगन्दी में विगत सामूहिक भोज में मिली है। प्रातःकाल बड़ा बाजार क्षेत्र में एक विराट जुलूस ने श्री इन्द्र की चित्रकला काप्रेम अविधेशनों पर डालों परिक्रमा की। मन्दिरों में धार्मिक अनुष्ठान सम्पन्न हुए को कई बार सुशोभित कर चुकी है। प्राप उन पित्रकारों बद्रीनाय टेम्पुल-स्थित महावीर स्वामी के मंदिर में सामूहिक में हैं, जिन्होंने राजपूत पति और अजन्ना पद्धति का पूजा-पागधना का व्यापक कार्यक्रम प्रायोजित हुना। सम्मिधया कर एक नवीन पद्धति का विकास किया है। हम मुर्शिदाबाद संघ के प्राध्याम्म-निष्ठ उप-सभापनि श्री परिलेकिन उन्होंने प्राचीन शली को जीवित रखा है। चन्द बोथरा ने पूजा आराधना का प्रबंध करने के अतिरिक्त महामण्डल के सभापति श्री सोहनलाल दूगड़ ने उन्हें मंध्या ममय मामूहिक भोज का भी मम्य प्रायोजन भाशीर्षवचन के साथ अभिनन्दन पत्र भेंट किया। किया। गया।
SR No.538017
Book TitleAnekant 1964 Book 17 Ank 01 to 06
Original Sutra AuthorN/A
AuthorA N Upadhye
PublisherVeer Seva Mandir Trust
Publication Year1964
Total Pages310
LanguageHindi
ClassificationMagazine, India_Anekant, & India
File Size16 MB
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