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अनेकान्त
वर्ष १५
समाप्ति के बाद की उक्त रचना को भी सम्मिलित कर संवत् अष्टादश सही, ऊपरि गिनि तेतीस । लिया।
मिति मासोज सुदी द्वितीय, सोमवार निशि ईस॥ ३.रिणकचरित्र-इसकी रचना संवत् १८३३ ऐसे अथ पूरण कियौ, मंगलकारण एक । प्रासोज सुदी द्वितीया सोमवार को मालवा के रायसेनगढ़ मन वचन तन शुभ जोग धनि, शीश नमावत में पूर्ण हुई । इसकी प्रति उसी संवत् की ग्रंथकार से स्वयं
'टेक' ||६३ लिखवायी हुई १४२ पत्रों की हमारे संग्रह में है, जिसके
इतिश्री महामण्डलेश्वर राजा श्रेणिक चरित्रे १९वीं प्रारम्भ के ११ पत्र नहीं हैं और कई पत्र उदेई के खाए
सन्धि समाप्त.। संवत् १८३३ मिती कुमार सुदी १० हुए हैं । अतः इसकी दूसरी पूर्ण प्रति अन्वेषणीय है। टेक
लिखावतं साधर्मीभाई टेकचन्द । लेखक किसनचन्द ब्राह्मण । चन्द ने श्रेणिक चरित्र की गुजराती रचना जो बहुत-सी ढालों में थी, के आधार से इस चरित को १६ संधियों में इस प्रकार सं. १८२२ से ३३ तक में रचित कविके संवत् १८३३ में रायसेनगढ़में बनाया है । अन्तिम तीन दोहे तीन ग्रंथों का परिचय दिया गया है। संभव है इंदौर आदि के इस प्रकार हैं
भण्डारों में कवि की अन्य रचनायेंभी प्राप्त हों। मालवादि देश मालवा के विस, रायसेनगढ़ जोय । मध्यप्रदेश में जैन विद्वानों ने हिन्दी साहित्य काफी रचा तहां थान जिन गेह में, कथा रची सुख होय ॥ होगा उसकी खोज होनी चाहिए।
*लेखक का कवि टेकचन्द की अन्य रचनाओं के उप- की कृतियाँ उपलब्ध हो चुकी हैं। इनमें प्रथम और द्वितीय लब्ध होने का अनुमान सत्य है। जयपुर और दिल्ली के रचनाएं प्रकाशित भी हुई हैं। सभी हिन्दी में हैं। सुदृष्टि जैन ग्रन्थ भण्डारों में उपर्युक्त कवि की पच परमेष्ठि-पूजा तरंगिणी कवि की विस्तृत हिन्दी में गद्य रचना है, यह कर्म दहन पूजा, तीन लोक पूजा, पंचमेरु पूजा, सोलह प्रकाशित हो चुकी है। विसनराज वर्गन वि० सं० १८२७ कारण पूजा, (सप्त) विसनराज वर्णन और पदसंग्रह नाम की कृति है।
-सम्पादक 'अनेकान्त' के स्वामित्व तथा अन्य ब्योरे के विषय मेंप्रकाशन का स्थान
वीर सेवा मन्दिर भवन, २१ दरियागंज, दिल्ली प्रकाशन की अवधि
द्वैमासिक मुद्रक का नाम
प्रेमचन्द राष्ट्रीयता
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२१ दरियागंज, दिल्ली प्रकाशक का नाम
प्रेमचन्द, मन्त्री-वीर सेवा मंदिर राष्ट्रीयता
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२१ दरियागंज दिल्ली सम्पादक का नाम
प्रा० ने० उपाध्ये एम० ए०, डी.लिट०, कोल्हापुर रतनलाल कटारिया, केकड़ी (अजमेर) प्रेमसागर जैन एम० ए०, पी० एच० डी०, बड़ौत
यशपाल जैन दिल्ली राष्ट्रीयता
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c/o बीर सेवा मन्दिर २१ दरियागंज दिल्ली स्वामिनी संस्था
वीर सेवा मन्दिर २१ दरियागंज दिल्ली मै प्रेमचन्द घोषित करता हूँ कि उपर्युक्त विवरण मेरी पूरी जानकारी और विश्वास के अनुसार सही है।
प्रेमचन्द १५-६-६२
प्रकाशक