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संयोजक वीर सेवा मन्दिर सं.क.परमानन्द शास्त्री
नयामन्दिर धर्मपुरा दिल्ली के जैन मूर्ति-लेख
(वेदी नं• एक बायें से हाई प्रोर)
१. चन्द्रप्रभ, सफेद पाषाण चिन्ह चन्द्रमा, पचासन, साइज ऊंचाई २० इंच प्रासन सहित, चौड़ाई ७ इंच, मासन लम्बाई ६ इंच, चौड़ाई ३३ इंच।
लेख-वीरसंवत् २४४६ वि० सं० १९७६ माघ शुक्ला द्वादशी चन्द्रवासरे कुन्दकुन्दाम्नाये दिल्ली नगरे प्रतिष्ठितम् ।
२. आदिनाथ, सफेद पाषाण, पद्मासन, साइज ऊंचाई २१ इंच आसन सहित । चौड़ाई ८ इंच । चिन्ह वृषभ
लेख-श्री वीर संवत् २४६८ माघ शुक्ला एकादशी बुधवासरे मूलसंघे सरस्वती गच्छे बलात्कारगणे दिगम्बर कुन्दकुन्दाम्नाये इन्दौर नगरे तिलोकचन्द कल्याणमल तत्पुत्र हीरालाल कृत पंचकल्याणक प्रतिष्ठा महोत्सवे प्रतिष्ठाचार्य राजकुमार, मुन्नालाल, भूरालाल प्रतिष्ठा कार्य स्थापितमिदं बिम्बं कल्लाणाय भवतु नूतन धर्मपत्नी स्व. पारसदास जैन दिल्ली।
३. बाहुबली, खड्गासन सफेद पाषाण ऊंचाई २३ इंच, पासन सहित प्रासन ५ इंच, चौड़ाई ६३ इंच ।
लेख-श्री वीर सं० २४८६ वि० सं० २०१६ फागुणमासे प्रतिष्ठाचार्य नन्दलालेन प्रतिष्ठापित, लाला मंगलघर, धर्मपत्नी गुणमाला।
४. भगवान पार्श्वनाथ, सप्तफणी, पाषाण, सफेद, साइज, ऊँचाई ११ इंच, चौड़ाई ५३ इंच, प्रासन २ इंच । पपासन चिन्ह सर्प
लेख-सं० १६४२ वर्षे फागुणमासे शुक्ल पक्षे तिथौ ८ दिने प्रतिष्ठितां, भानुकीर्ति प्राचार्यवर्य लोहाचार्यान्वये प्रतिष्ठिता।
५. पाश्वनाथ, सफेद पाषाण, पद्मासन साइज ऊंचाई १७ इंच, चौड़ाई ७५ इंच, आसन लम्बाई १५ इंच मोटाई प्रासन ४ इंच । चिन्ह सर्प
लेख-श्री वीर निर्वाण सं० २४६६ वि० सं० २००० वंशाखमासे शुभे शुक्लपक्षे पूर्णिमातिथौ बुधबासरे इन्द्रप्रस्थ नगरे मूलंसंघे सरस्वतीगच्छे बलात्कारगणे कुन्दकुन्दाम्नाये प्रतिष्ठापितम् पं० मुन्नालाल जी इत्येतैः प्रतिष्ठाप्य दि० जैन अनाथाश्रम चैत्यालये स्थापितं बिम्बं लोककल्याणं भवतु ।
६. भगवान प्रादिनाथ सफेद पाषाण पपासन, ऊँचाई ३० इन्च, चौड़ाई ११ इन्च, चिन्ह वृषभ, प्रासन लम्बाई २४ इन्च, मोटाई मासन ४ इन्च ।
लेख-प्रों स्वस्ति श्री संवत् १९२३ का मिति द्वि० ज्येष्ठ शुक्ला १० शुक्रवारे काष्ठासंघे माथुरगच्छे पुष्कर. गणे लोहाचार्याम्नाये भट्टारक जित् महीचन्द्रदेवास्तत्पट्टे भट्टारक देवेन्द्रकीर्तिदेवास्तत्पट्टे भ. जगत्कीतिदेवास्तत्पट्टे म. ललितकीतिदेवास्तत्पट्टे भ० राजेन्द्रकीर्ति देवास्तदाम्नाये अग्रोतकान्वये बाँसलगोत्रे साधुश्री मोतीलालजित् तत्पुत्र सेवारामजित् तत्पुत्र व्रजपालदासजित् तत्पुत्र जिनवरदासजित् तद्भार्या मिश्रीकुंवरिस्तत्पुत्र भगवानदास मातृस्मरणार्थ अंगरेज बहादुरराज्ये पारामपुरे सकलपंचसहायेन श्री जिनमन्दिर पूर्वक, श्री जिनबिम्ब प्रतिष्ठा कारापितम् (ता)। क्रमशः