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अगस्त १९६२ * मासिक
Bীকাল
सत्साहित्य का निर्माण उन्हीं व्यक्तियों धारा संभव है, जिन्होंने अपने जीवन को संयम और साधना से पवित्र कर लिया है।
सम्पायक-मण्डल ० प्रा० ने० उपाध्ये श्री रतनलाल कटारिया म० प्रेमसागर जैन श्री यशपाल जैन
समन्तभद्राश्रम (वीर सेवा मंदिर) का मुरवपत्र