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________________ अनेकान्त श्रीकानजीस्वामीक अभिनन्दन-समय वीरसेवामन्दिरमें लिया गया एक चित्र AR P माय में बैठे हुए दाहिनी प्रोग्म-श्री आ: जुगलकिशोर मुख्तार, श्री कानजी स्वामी, चु० पूर्णसागर । तपरकी पक्रिम खडे हुए-श्री ला प्रेमचन्द जैनावाच, दिल्ली के प्रतिष्ठिन व्यक्तियांका परिचय देते हुए, बाबु प्रेमचन्द बी०१८, मंयुक्त मन्त्री वारसेवा मन्दिर, बाबु छोटेलाल कलकना, अध्यक्ष वाग्मेवान्दिर, ताराचन्द प्रेमी। नाच को पंक्रिम बट हुए. -गय मा. लाउल्फनराय. ला. जुगलकिशोर कागजी, बाबु रघुवरदयाल एम: वगैलबाग, वागज पं. महावीर प्रसाद और श्री नेमीचन्द पाटनी ।
SR No.538014
Book TitleAnekant 1956 Book 14 Ank 01 to 12
Original Sutra AuthorN/A
AuthorJugalkishor Mukhtar
PublisherVeer Seva Mandir Trust
Publication Year1956
Total Pages429
LanguageHindi
ClassificationMagazine, India_Anekant, & India
File Size25 MB
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