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________________ मनपाता मार्च १९५७ वर्ष १४ किरण ८ सम्पादक-मंडल जुगलकिशोर मुख्तार छोटेलाल जैन .जयभगवान जैन एडवोकेट परमानन्द शास्त्री विषय-सूची 1. ऊर्जयन्तगिरि के प्राचीन पूज्य स्थान- (जुगलकिशोर मुक्तार] २. २. आमाके त्याज्य और प्राय दो रूप- जैन गीता से] २५० ३. अतिचार रहस्य- (. हीरालाल सिद्धान्त शास्त्री] २७ ५. सरकार द्वारा मांस-भक्षणका प्रचार-प० हीरालास सिद्धान्तशास्त्री] १२१ १. कविवर भगवतीदास - (परमानन्द शास्त्री] २२० ६. जगतका संक्षिप्त परिचय- [प० अजित कुमार शास्त्री] १. .. विश्वशांतिका सुगम उपाय-पाप्मीयता [श्री अगरचन्द नाहटा) २१ 1. क्या भावईमान जैनधर्मके प्रवर्तक थे, परमानन्द शास्त्री] २२० 1. क्या मांस मनुष्य कास्वाभाविक पाहार है -[हीरालाल सि. २१५ १०. अहिंसा और हिंसा खिक सिद्धिसाग] १. ११.भ. बुद्ध और मांसाहार- [हीराका सिद्धान्त शास्त्री) २ १२. पार्श्वनाथ बस्तिका शिखालेख- -परमानन्द शास्त्री] २१२ ३ जैनाप्रन्य प्रशस्ति संग्रह वीर सेवा मन्दिर,देहनी मूल्यः
SR No.538014
Book TitleAnekant 1956 Book 14 Ank 01 to 12
Original Sutra AuthorN/A
AuthorJugalkishor Mukhtar
PublisherVeer Seva Mandir Trust
Publication Year1956
Total Pages429
LanguageHindi
ClassificationMagazine, India_Anekant, & India
File Size25 MB
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