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अनेकान्त
[वर्षे १४
जहिं दविणंगण-बहि-पेम-छित्त,
करवाल-पट्टि-विप्फुरिय-जीहु, बावरण-पुण्ण-धण-लोल-चित्त ।
रिउ-दंड-चंड-सुडाल-सीहु । नहिं चरर चाड कुसुमाल भेड,
भइ-विसम-साह सुदाम-धामु, दुज्जय-सखुद-खल-पिसुण-एड ।
घउ सायरत-पायडिय-गामु। या वियंभहि कहिमि या धण-विहीण,
याणा-लक्खण-लक्खिय-सरोरु, दविण शिहिल पर धम्म-लीण।
सोमुज्जल सामुहय-गहीरु: फेम्माणुरत्त परिगलिय-गाव,
दुप्पिच्छ-मिच्छ-रण-रंग-मल्लु, नहिं वसहि वियक्खण मणुव सम्व ।
हम्मीर-वीर-मण-नठ-सल्लु । वावार सब्व जहिं सहहि णिच्च,
चउहाणवंस-तामरस-भाणु, कणयंवर-भूसिय-रायमिच्च ।
मुणियह न जासु भुय-बल-पमाणु तंबोल-नंग-रंगिय-धरम्ग,
चुलसीदि-खंड-विण्याण-कोसु, जहि रेहहिं सारुण-सयल-मग ।
छत्तीसाउह पयडण-समोसु । तहिं हरवइ आहवमल्ल-एउ,
साहण-समुह बहुरिद्धि-रिब, दारिद्द-समुत्तारण-स-सेउ ।
अरि-राय-विसह-संकरु पसिद्ध । पत्ता
घत्ताउम्वासिय-परमंडलु दंसिय मंडलु कास-कुसुम-संकास-जसु। पालिय-खत्तिय-सासणु परबल-तासणु ताण मंडल-उब्वासणु। छल-कुल-बल-सामस्थे यीइ-गायत्थें कवणु राउ उवमियह तसु मह-जस-पसर-पयासणु णव-जल-हरसगु दुरणय-विसि-पवामणु णिय-कुल-कहरव-वण-सिय-पयंगु,
तहो पह-महाएवी पसिद्ध, गुण-यणाहरण-विहूसियंगु ।
ईसरदे पर्याण पणय-विद्ध । अवराह-वलाहय-पलय-पवणु,
णिहिलंने उर-मज्झए पहाण, मह मागह-गण-पदिदिएण-तवणु।
शिय-पदमण पेसण-सावहाण । दुव्वसण-रोय-शामया-पवीण,
सज्जण-मण-कप्प-महीय-साह, किड अखलिय-सुजस मयंकु झीगु ।
कंकण-केजरंकिय-सुबाह। पंचंग-मत-वियरण-पवीणु,
छण-ससि-परिसर-संपुण्ण-वयण,
मुक्क-मल-कमल-दल-सरल-गयण । माणिणि-मण-मोहणु मयरकेट,
प्रासा-सिंधुरनाइनामण-लील, शिरुवम-अविरल-गुण-मणि-'णकेउ ।
बंदियण-मणासा-दाण-सील । रिउ-राय-उरत्थल-दिगण-होरु,
परिवार-भार-धुर-धरण-सस, विसुमुण्णय-समर-भिडंत वीरु ।
मोयई अंतर-दल-जलिय-गत्त । खगाग्गि-डहिय-पर-चक्क-वंसु,
छद्दसण-चित्तासा-विसाम, विवरीय-बोह-माया-विहंसु।
घउ-सायरत-विक्खाय-णाम । अतुलिय-बल खल-कुल-पलय-कालु,
अहमल्ल-राय-पय-त्ति-जुत्त, पहु-पट्टालकिय विउल-भालु ।
अवगमिय-णिहिल-विण्णाण-सुत्त । सत्संग-रज-धुर-दिएण-खंधु,
णिय-यंदणाई चिंतामणीव, सम्माण-दाण-पोसिय-सबंधु ।
णिय-धवलग्गिह-सरहंसियीव । थिय-परियण-मण मीमत्सण-दच्छु,
परियाणिय-करण-विलास-कज्ज, परिवसिय-पयासिब-केरकरछु ।
रूपेय जित्त-सुत्ताम-भज्ज ।