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वर्ष १३ वीरसेवामन्दिर सोसाइटीकी मीटिंग
[३१६ स्टेशनरी
२१० हैं। प्रस्तु, उन्होंने यह निश्चित किया था कि कार्यकारिणी पोस्टेज
२१.) कमेटीमें डा. ए. एन. उपाध्येको परामर्शके लिये लायब्ररी
२५०) आमन्त्रित किया जाय । डा. उपाध्येने अप्रेलकी कमेटीमें सफर खर्च
३.०) उपस्थित होनेकी कृपा की है। सरसावा चपरासी जाहरू माली
८४६०)
१२. ता. ७-४-५५ को डाक्टर हीरालालजीने, जिन्हें 6. यह समिति प्रस्ताव करती करती है कि पं० जगल- डाक्टर ए. एन. उपाध्यजीके साथ निमंत्रित किया किशोर जीकी सेवाके लिये १०) रु० मासिकका एक सबक गया था, वीरसेवामन्दिरमें पधारनेकी कृपा की। डा. नियुक्त किया जाय।
हीगनालजी और डा. उपाध्येजीने बोरसेवामन्दिरको प्र. बा. जयभगवान जी गतिविधि सम्बन्धमें यह सुझाव दिया कि दिगम्बर जैन स. बा. नेमीचन्द जी समाजकी साहित्यिक, प्रकाशक और अनुसंधानवी
(सर्व सम्मतिसं स्वीकृत) जो संस्थाएँ हैं उन सबका केन्द्रीकरण वीरसेवामन्दिर ... यह समिति ला• राजकृष्ण जीसे निवेदन करती है तस्वावधानमें किया जाय । और वे मंस्थाएँ अपना नाम कि साहित्योद्धार, साहित्य और इतिहासके मध्ये जो आर्थिक अस्तित्व और कोषको स्वतन्त्र रखते हुए साहित्यिकादि सहायता उनके व्यवस्थापक कालमें लिखी गई थी उनमें जो कार्योको केन्दीय सम्पादकमण्डलके निर्देशानुसार सम्पन्न रकम वसूल नहीं हुई है उसे उन्हें वे वसूल करवा देवें। करें। इस सुझावको कार्यान्वित करने के लिए यह नय हुआ समितिके कार्यालयसे भी उन दातारोंको पत्र लिखे जाय। किमी संस्थाओंके संचालकों या प्रतिनिधियों को निमंत्रित
प्र.बा. छोटेलाल जी (अध्यक्ष) कर एक सम्मेलन किया जाय, और उस सम्मेलनमें इस
म० डा• श्रीचन्द्रजी (सगल) योजना पर विचार किया जाय । इन संस्थाओंको जो पत्र ११. पं. जुगलकिशोर जी मुख्तारने बताया कि लक्षणा- लिखा जायगा उसके ड्राफ्टका भार डा. हीरालालजी और वलीके प्रथमवण्डके प्रकाशनकी सहायताका वञ्चन साह डा. उपाध्येजीको दिया गया । और निम्नलिखित शान्तिप्रसादजीसे पहले प्राप्त हो चुका है। इस पर ममिनिन संस्थाओं को आमन्त्रित करना तय दुमा ।माणिव चन्द प्रथमाला प्रस्ताव किया कि लक्षणावलीके-निर्माणके लिये २५००) बम्बई, भारतीय ज्ञानपीठ काशी, जीवराजग्रंथमाला सालापुर, वार्षिक महायता के लिये दातारों से अपील की जाय।
कारंजा मौरीज कारंजा, जैन माहिन्योद्धारकपंड मेलमा, नोट-२० मार्च १९१५ को ट्रस्ट कमेटी में जो ट्रस्टी दाँग्रन्थमाला बनारम, दि. जैन संघप्रमाला मथुग, उपस्थित थे और वे ट्रस्टी ही प्रथम कार्यकारिणीके सदस्य वीरशासनसंघ कलकत्ता, कुथसागरगन्यमाला मोलापुर।
वीरसेवामन्दिरकी कार्यकारिणी सभाके दो प्रस्ताव
प्रस्ताव १
प्रस्ताव २ श्रीमान् माह शान्तिप्रसादजीके पेटका आपरेशन सफ- वीरसेवामन्दिरकी यह कार्यकारिणी ममा प्राचार्य लता पूर्वक सम्पन्न होने और स्वास्थ्यमें उत्तरोत्तर सुधार एवं श्री जगलकिशोरजी मारनार अधिष्ठाता बीरसेवामन्दिरके कल लाभक समाचारोंको ज्ञातकर वोरसेवामंदिरकी कार्यकारिणीकी
(21 जूनको महमा बीमार हो जाने के समाचारोंको ज्ञातकर यह सभा सन्तोष और हर्ष प्रगट करती हुई श्रीजिनेन्द्र भगवानसे प्रार्थना करती है कि साहजी शीघ्र ही पूर्ण
चिन्तित हुई है और भगवान वीरप्रभुसे प्रार्थना करती है स्वस्थ हों और पूर्व की गई अपूर्व देश (सामाजिक और कि श्री मुख्तारसाहब शीघ्र ही प्रारोग्य-लाभ और दीर्घायु धार्मिक सेवाओंमें अपनी शक्ति और भी अधिक प्रदान करें। प्राप्त करें।