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________________ • अहम तुतत्त्व-संध श्वतत्व-प्रकाशक - / VI वाषिक मन्य ) एक किरण का मूल्य १) ABAR 453 Singer 22 नीतिविरोधध्वंसी लोकव्यवहारवर्तकः सम्यक् ।। परमागमस्य दीज भुवनैकगुरुर्जयत्यनेकान्त D वर्ष १३ । किरण ११, १२ । वीरसेवामन्दिर, C/० दि० जैन लालमन्दिर, चाँदनी चौक, देहली मई, जून वैशाख ज्येष्ठ, वीरनिर्वाण-संवत २४८१, विक्रम संवत २०१२ । १६५५ %3 भगवान् आदीश्वरको ध्यान-मुद्रा देखो जी आदीश्वर स्वामी, कैसा ध्यान लगाया है। कर ऊपर कर सुभग विराजै, आसन थिर ठहराया है ॥१॥ जगत-विभूति भूत सम तजकर, निजानन्द पद ध्याया है । सुरभितस्वांसा, आसा-वासा नासा-दृष्टि सुहाया है ॥ कंचन वरन चलै मन रंच न, सुरगिर ज्यों थिर थाया है। जास पास अहि-मोर मृगी-हरि, जाति-विरोध नसाया है। शुधउपयोग हुतासनमें जिन, वसुविधि समिध जलाया है। श्यामलि अलकावलि सिरसोहै, मानो धुमाँ उड़ाया है। जीवन-मरन अलाभ-लाम जिन तन-मनिको सम भाया है। सुर-नर-नाग नमहिं पद, जाके 'दौल' तास जस गाया है ॥ -कविवर दौलतराम
SR No.538013
Book TitleAnekant 1955 Book 13 Ank 01 to 12
Original Sutra AuthorN/A
AuthorJugalkishor Mukhtar
PublisherVeer Seva Mandir Trust
Publication Year1955
Total Pages386
LanguageHindi
ClassificationMagazine, India_Anekant, & India
File Size24 MB
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