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अनेकान्त
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प्रथम चित्रमें-लालमन्दिरजी के हालमें चाँदीकी सुन्दर बंदीमें सिंहासन पर जीर्णोधारित धवलग्रन्थराज
की प्रतिक कुछ पत्र रखे हुए हैं। और वदी मामने शा-कशमें शेष ग्रन्थ चाँदीकी
चौकियों पर विजन हैं। और उनका मोन्माह पूजन हो रहा है
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बैटे हुए बाएं से दायें पं० दरबारीलाल, पं० जुगलकिशोर मुख्तार, धर्मसाम्राज्य (अवनग्रन्थको लिए हुए) वैद्य महावीर प्रसाद, ला० जुगलकिशोर कागजी । म्खडे हए-६० जयकुमार, दलीपसिंह, बांकेलाल, प्रेमचन्द, १० परमानन्द, पक्षालाल और प्रेमचन्द