________________
दिल्ली स्थात्मवमें नवनिर्मित मरस्वती-मन्दिरका भव्य दृश्य
। पछिका दृश्य )
२
44
RAAT
alya TH
४
hen
HOMEOPA ENRIAHARA
WINSrint
MARAN
.. AMRAPoint
MAA
Himan-TION
.
.
REER
-
-
बीचमे ग्लासक्श श्री जयधवन-महाधवनग्रन्थ नया अन्य मुवणांड्डिन चित्र ग्रन्थ विराजमान है। नीन इन्द्र चमर होन रहे है। श्री धर्मपाम्राज्या, पं. मनलानजी. याचायं जगत केशारजी मुग्नार और पं० पम्मानन्द
शास्त्री अपने लवपत्रको गोदी में नियं के हैं ।