SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 243
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ २०६ 1 भनेकान्त. [किरण २३५ ११३ख जवि कयं देवाग्गयं कयं देव दुग्गई ३०२ क कह गिलोए कहणिखोए , ख कस्स साहामि कस्स व साहेमि ३०४ क जाइज्जा जाएज ३०६ क पाविज्जा पाविज्जा ३.७ ख जीवो परिहरेह इय जो इय जो परिहरह २१.क. पत्त्त र पसंतह (१) २२१ क पणाम ময ३१५ क २२५ पडिगह मुचट्ठाणं पडिगहण मुच्चठाणं ३१ ख २२. हिरवजाणु तह उच्च हिरवज्जाणु वह ३२१ खं दुइच (२) ३२४ क २२८ ख ऐवज्ज यिावेज्ज २३. क खाइम खाइय ३२७ क रोडाणं रोईणं (३) २३६. परिपीडयं परिपीडियं ३३३ ख २४२ क किपि किंचि वि ३३७ क जायह""जहरणसु जाइ"जहण्णासु ३३८ क २४६ क सुदिट्टी सुदिट्टी मणुया २६.क सहस्सुत्तुगा सहस्म तुंगा १६. क सक्कर समसाय सक्करासाय ३४१ क २६१ ख २६२ क जोवणं तेहि जोवणतेहिं (७) ३११ का २६६ क तस्थाणु तत्थणु विगइभया विगइसमयाइछ (१) ३५३ व २६६ क बहिण बहि ३६२ ख २८. स. चउस्सु चउसु ३६६ क २६. ख गवर वरि , ख णिन्वयडी शिब्बियडी ३७२ ख २१३ क सिरगहाणु सिराहा २६५ क तुय तय. ३८४ क २६१ ख ३८६ क चय वपणं (६) उवयरणेण मिड उवयरणेण (७) चरियाय चरियाए पत्थे एस्थेव (6) जाएज्ज जाएज्जा (6) काउंरिस गिहम्मि काउंरिसि गोहण म्मि * (१०) शियमणं णियमेण दर ® (1) परभवम्मि परभवम्मि य दंसमो दंसणे वन्जिऊण तवसीणं वजउं तव स्सीणं 8 अफरस अफरुम वहिजए वहिज्जइ जणाणं जणाश्रो (१२) किलेस संकिलेस सिरसाशं मद्दण अभंगसेव, सिस्साण मद्दणभंगसेय उच्चरा उच्चारा संवेगाइय संवेगाइ पूर्वाध आयंबिल थिचियडेय ठाण बट्ट माइ खवणेहिं पजा दिव्यभाए दिव्यभोए भट्टम्मि प्रो अट्टमीयो तहा एपारम तयारस सुहम्स वि सुहं च वि णायब्या णायचो बराड भो वा वराडयाइसु (१३) उण विहि विही केई पुज्जा देखो, वरांगचरित जरिनकृत मार्ग लोक २७॥ ६ 'मुण्डनं वपनं त्रिषु' इत्यमरः। मृदु उपकरण पिंकी देखो, सागारधर्मामृत टीका अध्याय का ४५ वां पद्य मादिसे ८ वहां ही-मेरे घर पर ही ।। मांगे (याचयेत्) ३ रोगी पुरुपाका । यौवनं भंते येषां ते, तेः। ५ विग- १० ऋषि समुदाये कतुं मशक्येत् ।" मेढक (बदुर) अनकादि, बादलोंका नष्ट होना आदि । १ स्नान १२गुरुजनांसे १३ अक्षत कमलामादिमें,देखो धवला
SR No.538012
Book TitleAnekant 1954 Book 12 Ank 01 to 12
Original Sutra AuthorN/A
AuthorJugalkishor Mukhtar
PublisherVeer Seva Mandir Trust
Publication Year1954
Total Pages452
LanguageHindi
ClassificationMagazine, India_Anekant, & India
File Size27 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy