________________
बीर शासनाभिनंदन मंदि वीरसेवामंदिरका संचित परिचय
[पं. गाकर सुरुवार वीरसंयामन्दिर के नैमितिक अधिवेशन सभापनि
श्री मिश्रीलालजी कालाका भाषणा
( 8 )
३८१
४१२
वीरसेवामंदिर की प्राप्त सहायता
वैशालीकी महत्ता [श्री आर०आर० दिवाकर राज्यपाल बिहार
२५५
Res
श्री कुंदकुंदाचार्य - [पं. परमानंद जैन शास्त्री गोम्मटेश्वर बाहुबली जिन पूजा - ['युगवीर' श्री पार्श्वनाथस्तुति और महर्षि - [स्तुति सम्पादक २२० श्रीमान स्तवन स्त्रोत अज्ञात '
३७
श्री बीरका सर्वो
(सम्पादक)
श्री सत्यभकजीके खास संदेश
३३२
k
の
३०१
और उनकी धर्मपरी
एम. ए.
जैन वनस्थान[
संगहीत जैन इतिहासकी आवश्यकता - [ एन.सी वाकलीवाल
३६७ संरक्षक और सहायकोंस प्राप्त महायता २२३, ३३२ संस्कृतका अध्ययन जातीय चेतनांक लिए आवश्यक, [ राष्ट्रपति डा. राजेंद्रप्रमादजी
[संत श्री चर्षीप्रमादजी का पत्र सबका उदय - [ महात्मा भगवानदीन
१०२
१२५
३.२६ १२४, १६८
३५
समकालीन विद्वान भट्टारक ( महाकवि - [ पं० परमानन्द जैन
सरस्वती
मंकिजिये व्यावहारिक योजना, एन. सी. वाकलीवाल
२६१
३०४
३३७
६६२
२५
मरस्वती स्तवनम् (स्तोत्र ) - [ (सम्पादक) सरस्वती स्तवनम् (स्तां) - [ मलयकी सर्वोदय कैसे हो ? सर्वोदयतीर्थ - [पं. कैलाशचंदजी शास्त्री
[बा. अनंतप्रसाद BSc.
सर्वोदयतीर्थ के नाम पर - [ श्री जमनालाल सर्वोदयती और उसके प्रति कर्तव्य-
[ बाबू उग्रसैन जैन M. A. L. I. B. सर्वोदय या नियम कुमार एम. ए. सर्वोदय और सामाजिकता, श्री ऋषभदासजी रांका सम्पादकीय १०, २३५.४१८ प्रतिपादित [जुगलकिशोर मुक्तार १७२ समंतभद्रभारती स्तोत्र - [कवि नागराज १६७
मन वचनामृत [ युगवीर ५, १०३, १२०, १७१, २२३, २६०, ३०६, ३३१ ३३७ माहिम्य परिचय और समालोचन - [परमानंद जैन ७४, २२४, ३३४ /
सूनक पानक विचार- [ ० जैनमुना २०६ स्व. दीनानाथजी सरावगी कलकत्ता - (सम्पादक) २२५. स्व-पर-गुण पहिचान (कविता)[कविवर देवीदास ३०२ हेमराज गोदीका और प्रवचनसारका पद्यानुवाद[ पं. परमानंद जैन शास्त्री
१७ १८
४४
१६
२३
३४८