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________________ ३६८ ] एक सप्ताह में छुपकर तय्यार भारतके महान् जैन तीर्थ श्रवणबेलगोल पर अपने ढंगकी पूर्व पुस्तक लेखक - श्री राजकृष्ण जैन अनेकान्त भूमिका लेखक --- भारत - पुरातत्व विभागके डिप्टी डायरेक्टर जनरल श्री टी० रामचन्द्रन् एम ए. इस पुस्तकको पढ़कर आप घर बैठे श्रवणबेलगोल तथा दक्षिणके दूसरे जैनतीथोंकी यात्रा और श्री गोम्मटेश्वर स्वामीका पुनीत दर्शन करेंगे । आदर्श विवाह [ किरण १० खोजपूर्ण सामग्री, कई मनोमोहक चित्र, सुन्दर छपाई और आकर्षक रूप रंग; पृष्ठ संख्या सवासौके लगभग । फिर भी मूल्य केवल एक रुपया अपनी प्रति शीघ्र ही सुरक्षित करा लीजिये फिर मिलना कठिन है । वितरण के लिए १०० या इससे अधिक प्रतियाँ लेने वालोंको मूल्यमें विशेष रियायत । किसी विशेष जानकारी तथा अपनी प्रतियोंकी सुरक्षा के लिए लिखें हांसी निवासी श्री बलवन्त. सिंहजीके सुपुत्र श्रीवजभूषणजी का पाणिग्रहण संस्कार देहली निवासी श्री मुरलीधरजी डालमियाकी सुपुत्री श्री लीलावती जी के वीर- सेवा मन्दिर १ दरियागंज, देहली साथ जैन विधिसे सानन्द सम्पन्न हुआ । वधूने पर्दा नहीं किया और अपने मप्त वचन स्वयं कह कर स्वीकार किये। विवाह करनेवाले विद्वान श्री ला० राजकृष्णजी, पं० परमानन्दजी शास्त्री ६० चन्द्रमौलिजी शास्त्री और बाघूलाल जी जमादार थे । संस्कार सम्बन्धी प्रत्येक बातको विद्वान समझाते जाते थे । इस विधिको देखने के लिए देहली प्रांतके शिक्षा मन्त्री किदवई, श्री देवदासगांधी, व अन्य २ प्रसिद्ध सज्जन पधारे थे । दान-दहेजका भरपाया नहीं था । वीरसेवामन्दिरको १०१) रु० श्री. बा० बलवंत सिंह जीने प्रदान किये । - सम्वाददाता
SR No.538011
Book TitleAnekant 1952 Book 11 Ank 01 to 12
Original Sutra AuthorN/A
AuthorJugalkishor Mukhtar
PublisherVeer Seva Mandir Trust
Publication Year1952
Total Pages484
LanguageHindi
ClassificationMagazine, India_Anekant, & India
File Size29 MB
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