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________________ तत्व-मा तत्व-प्रकाशक वार्षिक मूल्य ५) इस किरण का मूल्य 1) LAHESHNEHHESARHHHHHHHHHHRS नीतिविरोषध्वंसीलोकव्यवहारवर्तकः सम्यक् । परमागमस्यबीज भुबनेकररुर्जयत्यनेकान्त। सम्पादक-जुगलकिशोर मुख्तार 'युगवीर' वर्ष ११ । वीरसेवामन्दिर, अहिसामन्दिर-बिल्डिंग १ दरियागंज, देहली दिसम्बर किरण १. मार्गशीर्ष शुक्ल, वीर नि० सं० २४७६, वि.सं० २००६ १९५२ दो स्तवन [ जिन दो स्तवनोंको आज यहाँ प्रकाशित किया जा रहा है उनमेंसे पहला पञ्चपरमेष्ठि-मंत्र-स्तवन है, 1 फरवरी सन् १९४७में मुझे कानपुरके बड़े मन्दिरके शास्त्रभण्डारका निरीक्षण करते हुए एक जीर्ण-शीण हे गुट के परसे उपलब्ध हुआ था। बादको अपने पूर्वसंग्रह में भी इसकी एक सुरक्षित प्रति मिल गई, जिसमें न्तिम पद्य नहीं है। यह जिस मन्त्रराजका स्तोत्र है वह सुप्रसिद्ध णमोकार मन्त्र है। उसीके महात्म्यको इसमें रवपूर्ण शब्दों-द्वारा ख्यापित किया गया है । स्तवनके अन्तमें इसे 'उमास्वातिविरचित' लिखा है। ये मास्वाति कौन हैं, यह अभी सुनिश्ति नहीं है। दूसरा 'सरस्वतीस्तवन' है, जिसके कर्ता ज्ञानभूषण मुनि हैं विक्रमकी १६वीं शताब्दीके विद्वान तथा भट्टारक भुवनकीर्तिके पट्टधर शिष्य थे । यह जिनवाणीरूप रस्वतीका बड़ा ही सुन्दर भावपूर्ण एवं हृदयग्राही स्तोत्र है । इसके प्रायः प्रत्येक पथके चतुर्थ चरणमें अपने लये चिदुलब्धिके विस्तारकी सार्थक प्रार्थना एवं भावना की गई है। -सम्पादक] पश्चपरमेष्ठि-मन्त्र-स्तवनम् विश्लिष्यन घनकर्मराशिमनिः-संसारभूमीभृतः। स्वर्निवाणपुरप्रवेशगमने निःप्रत्यवायः सताम् । मोहाऽन्धाऽवटसंकटे निपततां हस्तावलंबोऽहतां पायानः सवराऽचरस्य जगतः संजीवनं मंत्रराट् ॥११॥ एकत्र पंच गुरुमंत्रपदाऽक्षराणि विश्वत्रयं पुनरनन्तंगुणं परत्र । योथारयेत्खलु तुलानुगतं तथापि वन्दे महागुरुतरं परमेष्ठिमन्त्रम् ।।२।। ये केचनापि सुषुमा-दुषमाद्यनन्ता उत्सर्पिणिप्रभृतयः प्रययुर्विवर्ताः। तेवेप्यय परतरः प्रथितः पुरापि लब्ध्वैनमेव हि गताः शिवमत्र लोकाः ॥शा उत्तिष्ठग्निपतत्खलमपि धरापीठे लुटनास्पदे जापट्टा प्रहसन् स्वपमपि वने विभ्यश्वखेदमपि। गच्छन् वमनि वै स्मरेत्प्रतिदिन कर्म प्रकुर्वनमु यः पंचप्रमुमत्रमेकमनिशं किं तस्य नो वांछितम ॥४॥
SR No.538011
Book TitleAnekant 1952 Book 11 Ank 01 to 12
Original Sutra AuthorN/A
AuthorJugalkishor Mukhtar
PublisherVeer Seva Mandir Trust
Publication Year1952
Total Pages484
LanguageHindi
ClassificationMagazine, India_Anekant, & India
File Size29 MB
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