SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 195
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ अनेकान्तके संरक्षक और सहायक अनेकान्त पत्रको स्थायित्व प्रदान करने और सुचारू रूपसे चलानेके लिये कलकत्ता2 में गत इन्द्रध्वज-विधानके अवसर पर (अक्तूबरमें) संरक्षकों और सहायकोंका एक नया 0 • आयोजन हुआ है। उसके अनुसार २५१) या अधिककी सहायता प्रदान करने वाले सज्जन SH 'संरक्षक' और १०१) या इससे ऊपरको सहायता प्रदान करने वाले 'सहायक होते है। अब तक 'अनेकान्त' के जो 'संरक्षक' और 'सहायक' बने है--उनके शुभ नाम निम्न प्रकार है : १५००) बा० नन्दलालजी सरावगी कलकत्ता २५१) ला० रघुवीरसिहजी, जैनावाचकम्पनी २५१) बा० छोटेलालजी जैन देहली २५१) बा० सोहनलाल जी जैन १०१) ला. परसादीलाल भगवानदासजी पाटनी, २५१) ला० गुलजारीमल ऋषभदाम जी " देहली २५१) बा० ऋषभचन्द्रजी (V.R.C.) जैन" १०१) बा. लाल चन्दजी बी० सेठी बिनोद मिल्स, २५१) बा. दीनानाथजी सरावगी उज्जैन २५१) बा० रतनलालजी झाझरी १०१) बा० घनश्यामदाम बनारसीदासजी कलकत्ता - २५१) सेठ बल्देवदासजी जैन १०१) बा० लालचन्द्रजी जैन मगवगी " २५१) सेठ गजराजजी गंगवाल १०१) बा. मोतीलाल मक्खनलालजी कलकत्ता २५१) सेठ सुश्रालालजी जैन १०१) बा. बद्रीप्रसादजी सरावगी २५१) बा० मिश्रीलाल धर्मचन्दजी १०१) बा. काशीनाथ जी, कलकत्ता २५१) सेठ मांगीलालजी १०१) बा. गोपीचन्द रूपचन्दजी २५१) सेठ शान्तिप्रसाद जी, जैन १०१) बा० धनंजयकुमारजी २५१) बा० विशनदयाल रामजीवनजी, पुरलिया १०१) बा० जीतमलजी जैन २५१) ला० कपूरचन्द्र धूपचन्द्रजी, जैन कानपुर १०१) बा० चिरजीलाल जी मगवगी " २५१) बा० जिनेन्द्रकिशोरजी जैन जौहरी देहली १०१) बा० रतनलाल चॉदमलजी जैन, रॉची २५१) ला० राजकृष्ण प्रेमचन्दजी जैन, देहली। १०१) ला. महावीर प्रसाद जी ठेकेदार, देहली २५१) बा० मनोहरलाल नन्हेमल जी, देहली १०१) ला० रतनलालजी मादीपुरिया, देहली २५१) ला० त्रिलोकचन्द्र जी सहारनपुर १०१) श्री फतेहपुर स्थित जैन समाज, कलकत्ता 18 २५१) सेठ छदामीलाल जी जैन, फीरोजाबाद अधिष्ठाता 'वीर-सेवामन्दिर' २५१) बा. राजेन्द्रकुमारजी जैन, न्यू देहली सरसावा, जि० महारनपुर Namahabha KAKSEKEE रमानन्द जैन शास्त्री c/o धूमीमल धरमदास, चावडी बाजार, देहली। मुद्रक नेशनल प्रिंटिग वर्क्स. १० दरियागज, देहली
SR No.538011
Book TitleAnekant 1952 Book 11 Ank 01 to 12
Original Sutra AuthorN/A
AuthorJugalkishor Mukhtar
PublisherVeer Seva Mandir Trust
Publication Year1952
Total Pages484
LanguageHindi
ClassificationMagazine, India_Anekant, & India
File Size29 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy