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________________ ॐ अहम * बस्वतत्त्व-सघातक विश्वतत्व-प्रकाशक keumerecatezcreeDesk * वार्षिक मूल्य ५)* kaporelatezaareezreeray * एक किरणका मूल्य ।।)* WARNIMA PERLE RAMAYA नीतिविरोधध्वंसी लोकव्यवहारवर्गफःसम्यक । |परमागमस्य नी भुवन रामलाल वर्ष १० । किरण ३ वीरसेवान्दिर (समन्तभद्राश्रम ), ७/३३ दरियागंज, देहली आश्विन, वीरनिर्वाण-संवत् २४७५, विक्रम संवत् २००६ सितम्बर १६४६ साध-महिमा भौतन-भाग तज्यो गहि जोग, संजाग-वियोग समान निहारें । चंदन लावत सर्प कटावत, पुष्प चढ़ावत खड्ग प्रहार ।। देवसों भिन्न लखें निज चिन्न, न चिन्न पगेसहमें गुग्त्र धार । 'धानत' साध समाधि अराधिक, माहनिवारिक ज्योति विथारे ।। भू-जल-पावक-वृक्ष-शशी-रवि, मेघ नभं गुन ग्रायुह सारे । शात नदीतट ग्रीपम भूधर, पावम वृक्षनले निशि टार ।। वन पर नहि ध्यान टर, शिव-वाहक चाहका दाह विडार । 'द्यानत' साध समाधि अराधिक, मोहनिवारिक ज्योति विथा ॥ -कवि द्याननराय जिनके घटमें प्रगट्यो परमारथ, गग विरोध हिये न विथा । करके अनभी निज आतमको, विषयामुग्वसो हित मूल निवा । हरिक ममता धरिक समता अपनी बल फौरि जु कर्म विडारे । जिनकी है यह कन्तूति सुजान मु आप तिर परजीवन तार ॥
SR No.538010
Book TitleAnekant 1949 Book 10 Ank 01 to 12
Original Sutra AuthorN/A
AuthorJugalkishor Mukhtar
PublisherVeer Seva Mandir Trust
Publication Year1949
Total Pages508
LanguageHindi
ClassificationMagazine, India_Anekant, & India
File Size30 MB
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