SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 505
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ [ ४ ] समझका फेर -[पं० फूलचन्द सिशास्त्री २५६ संजद पदका बहिष्कारसम्पादकीय ४०, २२८, ४५७ [डा० हीरालाल जैन ३४१, ३६० सम्राट अशोकके शिलालेखोंकी अमरवाणी- संजद शब्द का निष्कासन [श्री निन्द ... ३०८ [पं० परमानन्द शास्त्रो साहित्य-परिचय और समालोचन-३८,८०,१२०, संयम (प्रवचन)- ० गणेशप्रसाद वर्णी १५७ १६३,२३०, ३१० हरिजन-मन्दिर-प्रवेशके सम्बन्धमें मेरा साधु-महिमा-[स्व० कवि द्यानत राय स्पष्टीकरण-[१० गणेशप्रसाद वर्णी ३५५ सिद्धिसेन-दृष्टि प्रबोध-द्वात्रिंशिका ___हषेकीर्तिरि और उनके ग्रन्थश्रीसिद्धसेनाचार्य-कृत २०० श्रीअगरचन्द्र नाहटा । ४०७ सोनागिरिकी वर्तमान भट्टारक-गहीका हिन्दी जनसाहित्यके कछ अज्ञात कविइतिहास-[श्री बालचन्दजैन M.A.३६१ वा० ज्योतीप्रसाद जैन M A. ३७२ /सोलहवीं शताब्दीके दो अपभ्रश काव्य कोड बिल[पं० परमानन्द शास्त्री १६० [बा० माई दयाल जैन B.A. २६३ अनेकान्त की फाइलें अनेकान्तकी १० वर्षकी फाइलों में से प्रथम तीन वर्षकी फाइलें तो समाप्त हो चुकी हैं । शेष वर्षोंकी फाइलोंमेंसे कुछ फाइलें अवशिष्ट हैं, जिनका मूल्य फाइल क्रमसे नीचे दिया जाता है । जिन सज्जनोंको इनमेंसे किसी भी फाइलकी आवश्यकता हो उन्हें उसको शीघ्र ही मॅगा लेना चाहिये, फिर ये फाइल भी अप्राप्य हो जाएँगो । अनेकान्तकी इन फाइलोंमें कैसे कैसे महत्व के खोज पूर्ण और बार बार पढ़ने तथा अनन्धानानादि कार्यों के लिए उपयोगमें लाने योग्य लेख प्रकाशित हुए है उसे बतन्नानेकी जरूरत नहीं है.विज्ञ तथा सहदय पाठक उनसे भले प्रकार परिचित है:फाइन और मल्य चतुर्थ वर्षकी फाइल ४) पाँचवें छठे , , " " सातवें पाठवें नववें दसवें , " पोष्टज खर्च मल्यसे अलग होगा। व्यवस्थाक 'अनेकान्त' सरसावा जि० सहारनपुर नोट-फाइलोंके अतिरिक्त कुछ फुटकर किरणभी अभी मिलती हैं, जिनमें प्रथम तीन वर्ष की भी कुछ किरणें शामिल हैं। प्रत्येक किरणका मूल्य जो उसपर दर्ज है वही लिया जायगा।
SR No.538010
Book TitleAnekant 1949 Book 10 Ank 01 to 12
Original Sutra AuthorN/A
AuthorJugalkishor Mukhtar
PublisherVeer Seva Mandir Trust
Publication Year1949
Total Pages508
LanguageHindi
ClassificationMagazine, India_Anekant, & India
File Size30 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy