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________________ - किरण ४] जैन गुहामन्दिर १३३ भी हैं। वरामदाका माप १६४६ है और वह ६. देशीगणाचार्यश्रीकुलचन्द्र प.ट ऊँचा है। ३. भट्टारकस्य तस्य शिष्यसुभचन्द्रस्य हाथीगुफा-स्वगपुरीसे ही ४० फट दूर वायव्य- दूसरा-श्रीधर छात्र कोण में है। यह प्राकृतिक गफा है, विशाल है, तीसरा-१. ओं श्री प्राचार्यकुलचन्द्रस्य तस्य आकार अनियमित है । गफाका द्वार १२ फुट ऊँचा २. शिष्य स्वल्लशुभचन्द्रस्य और गुफाका माप २८४५६ है । यह सर्वाधिक ३. छात्र विजो परिचित एवं ख्यातिप्राप्त गफा है क्योंकि यहीं ग्वार- बारामुनी गफा-में बारह भुजावालो देवो तथा वेलका वह प्रसिद्ध एवं महत्वपूर्ण लेख उत्कीण' अन्य पशु श्रादिक है। है जो इसकी ८४ वर्ग फुट जगह घेरे हुए है । लेग्व त्रिशून गुफा में २४ तीर्थकरोंकी मूर्तियाँ है यहाँ नहीं दिया जा रहा है। लेकिन यहाँ पार्श्वनाथ महावीरके पूर्व, कतारमें सर्प गुफा-हाथीग फासे ५० गजपर है । तीन नहीं बल्कि बीचमे विराजमान है । वे मूलनायक फण वाली सपाकृतिके कारण इसका यह नाम पड़ा है। है। इसमें दो छोटे लेख है: एक अन्य खुली गुफामे तीन आकृतियां हैं, उनमें पहला-२.चूलकमस कोठाजेया च अम्बिका और ऋषभनाथ है। आकाशगंगा, गुप्तगंगा, दूसरा-१. केमस हल्खि राधाकुड, और श्यामकुड ये कुड भी है। २.णय च पसादो ललाटन्दुकेशरी-में एक मध्यकालीन लेख उत्कीण वाघ गुफा-सर्पगुफासे ५० फुट है । इसमे है। इसकी भाषा संस्कृत है पर वह अशुद्ध एवं 'नगर अख उभस सभूतिनो लेन' ग्बुदा है। अव्यवस्थित है । लेखमें खंडगिरिको कुमारपर्वत जम्वेश्वर गुफा-मे 'सहदास वारियाय नाकि यस लेनं' और कहा गया है जबकि हाथीग फाके लेखमे उदयगिरि को कुमारीपर्वत कहा है । अनुमान किया जा हरिदास गुफा-में 'चूलकरमस पसातो कोठा सकता है कि कुमार और कमारी दोनोंके अलग जोय [1] च' लेख खुदे है। अलग नाम रहे हों, और यदि दोनों पहाड़ियोंका ____ जगन्नाथ गुफा-२७:४७की है और उममें चार एक ही नाम रहा हो तो लेखमे अशुद्धि है, जो उसे सादे द्वार है। देखते हुए संभव ही है। लेख निम्न प्रकार है:अनंत गुफा-का वरासदा २७॥४८॥ का है। १. ओं श्री उद्योतकेसरी विजयराज्य संवत् ५ इसमें 'दोहदसमनान लेन' उत्कीर्ण हैं। २.श्री कमारपर्वते स्थाने जीन्न वापि जीन्न इसन तत्वा गुफा-का पहला लेख तो घिस गया है, ३. उद्योतित तस्मीन थाने चतुर्विशति तीर्थकर दूसरा 'पादमूलिकस कुसुमास लेन फि' है। ४. स्थापित प्रतीष्ठा काले हरि प जसनंदिक इसके अनंतर पानघर, खंडगिरि, तेन्तुली आदि ५. क्न ? द ? ति ? द्रथ ? श्री परम्यनाथस्य गुफाएं हैं। कम्माख्यः नवनि गुफा-में अनेक तोथकर तथा शामनदवियां उत्कीर्ण है । १० वीं शतीके नागरी लेख भी राजगिरकी गुफाएं है जो इस प्रकार हैं : सोनभंडार गुफाएं-गरम झरनोंसे करीब एक मील पहला-१. ओं श्री मदुद्योतकेसरिदेवस्य प्रवध- की दुरीपर वैभारगिरिकी दक्षिणी तलहटीमें स्थित माने विजयराज्ये संवत् १८ हैं। पहली गफा ३४४१७ फुटकी है और इसका २. श्रीआर्यसंघप्रतिबद्धगृहकुलविनिर्गत- द्वार ।।४३ फुट है। इसमें एक खिड़की भी है जो
SR No.538010
Book TitleAnekant 1949 Book 10 Ank 01 to 12
Original Sutra AuthorN/A
AuthorJugalkishor Mukhtar
PublisherVeer Seva Mandir Trust
Publication Year1949
Total Pages508
LanguageHindi
ClassificationMagazine, India_Anekant, & India
File Size30 MB
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