SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 136
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ वीरसेवामन्दिरको विशेष बैठक २ अक्तूबर को जैनमन्दिर न्यू देहनीमें वीरसेवामन्दिरकी श्री १०५ पुल्लक पूज्य गोराप्रसादजी पर्दा न्यावाचार्यकी अध्यपतामें एक विशेष बैठक बुलाई गई थी, जिसमें बाल छोटेलालजी जैन कलकत्ता, बा.कपूरचन्दजी कानपुर. पं. जुगलकिशोरजी मुख्तार अधिष्ठाता वीरसेवामन्दिर, मा. जयभगवानजी वकील पानीपत, सा. जुगलकिशोरजी कागजी देहली, पं०वंशीधरजी व्याकरणाचार्य बीना, पं० राजेन्द्रकुमारजी जैन न्यायतीर्थ देहली, मा. रघुवीरसिंह प्रेमचन्दजी देहली, रायसाहब सा. उल्फतरायजी देहली, ता. पन्नालालजी अग्रवाल देहखी, सेठ बैजनाथजी सरावगी कलकत्ता, ला. श्यामलालजी न्यू देहली, लाप्रेमचन्दजी देहली, पं.दरबारीलाबजी कोठियान्यायाचार्य देहली, पं परमानन्दजो शास्त्री देहली, श्रीवालचन्दजी एम० ए. शास्त्री देहली भादि महानुभाव उपस्थित थे। बैठकमें अनेक महत्वपूर्ण विषयोंपर विचार हुमा और वीरसेवामन्दिरकी प्रबन्धसमिति तथा कार्यसमितिके सदस्योंका नया चुनाव हुआ जिसका विशेष विवरण अगले अंकों प्रकाशित होगा। -मंवाददाता सिद्धचक्रविधान भेंट हाल में हमने विधि और मन्नादि सहित सिन्चऋषिधान प्रकाशित कराया है जिन मन्दिरोंके लिये उसकी जहरत होवे लिखकर हमसे मंगा लेवें । --ला रघुवीरसिंह प्रेमचन्द जैन, जैनावाच कम्पनी, सदर बाधार, देहली वीरसेवामन्दिरको प्राप्त सहायता ४) जैन पंचायत किशनगढ़ (जयपुर)। अनेकान्तकी गत किरण श्में प्रकाशित सहायताके बाद वीरसेवामन्दिरको जो सहायता प्राप्त हुई है वह क्रमशः निम्न प्रकार है और उसके लिये दातार अनकान्तका प्राप्त सहायता अनेकान्तको प्राप्त सहायता महानुभाव धन्यवाद के पात्र । गत किरण नं० ११-१२, वर्ष १ में प्रकाशित १११) पं० सागरचन्दजी जैन, धर्मपुरा, देहली सहायताके बाद अनेकान्तको जो सहायता प्राप्त हुई १००) बा. सुरेन्द्रनाथ नरेन्द्रनाथजी जैन. कलकत्ता है वह निम्न प्रकार है और उसके लिये दातार महा (बा. नरेन्द्रनाथकी अस्वस्थताके कारण निकाले नभाव धन्यवादके पात्र हैं: हुए दानमेंसे वीरसेवामन्दिर प्रन्थमाला को)।। ५) श्री सेठ गेंदीलालजी गंगवाल जयपुर, पुत्र विवा. ५) मुन्शी सुमेरचन्दजी जैन अरायजनवीस होपलक्ष्यमें माफेत पं० भँवरलालजी शास्त्री। देहली (माताजीके स्वर्गवासके अवसरपर नि- २) श्रीमंगतरामजी साधु बुलन्दशहर पौत्री विवाकाले हुए दानमेंसे)। होपलक्ष्यमें। ११) १०मक्खनलालजी जैन (प्रचारक) देहली। ११) श्रीमाणिकचन्दजी गाँधी फल्टण (सतारा) ११३) दिगम्बर जैनसमाज मुरादाबाद, माफेत ५० स्व. श्री १०५ दुल्लक वीरसागरजी (वीरचंद दरबारीलालजी कोठिया न्यायाचायेके मयस- कोदरजी गाँधी) के स्वर्गवास पर। फर खर्च १२) के | ११) ला० बनवारीलालजी जैन, मुहल्ला इमली, ५०) सेठ जगन्नाथजी जैन पांड्या माइकामाइन्स श्रोनर भूमरीतलैया (हजारीबाग), माफेत नह) 40 गोविन्दराम जैन न्यायतीर्थ । व्यवस्थापक 'भनेकान्त' ३६४) अधिष्ठाता 'वीरसेवामन्दिर" देहली।
SR No.538010
Book TitleAnekant 1949 Book 10 Ank 01 to 12
Original Sutra AuthorN/A
AuthorJugalkishor Mukhtar
PublisherVeer Seva Mandir Trust
Publication Year1949
Total Pages508
LanguageHindi
ClassificationMagazine, India_Anekant, & India
File Size30 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy